चिकित्सा अधिकारी रंजन वर्ष 2010 में एसएमएस अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी पद पर लगे। तब उन्होंने कुल 37 लाख रुपए की सम्पत्ति बताई थी। इसके बाद उन्होंने झुंझनूं में बड़ा निजी अस्पताल खोला और डॉक्टर पत्नी की सरकारी नौकरी छुड़वाकर उसमें लगा दिया। एसीबी ने चिकित्सा अधिकारी और उनके परिवार की 14 वर्ष में 9.25 करोड़ रुपए की सम्पत्ति होना माना है। इसमें चिकित्सा अधिकारी की आय एक करोड़ रुपए, उनकी पत्नी की आय एक करोड़ रुपए, उनकी मां की आय 52 लाख रुपए, पिता की आय 47 लाख रुपए मानी। वहीं पत्नी ने 3.18 करोड़ रुपए का और पिता ने 50 लाख रुपए का लोन ले रखा, इसके अलावा अन्य रोजमर्रा व जीवन यापन के खर्चे शामिल हैं। जबकि चिकित्सा अधिकारी रंजन के पास 18.21 करोड़ रुपए से अधिक की सम्पत्ति मिली है। एसीबी ने 14 वर्ष में 10.54 करोड़ रुपए आय से अधिक सम्पत्ति होने का मामला दर्ज किया।
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एसीबी की पड़ताल में सामने आया कि चिकित्सा अधिकारी रंजन ने खेती की जमीन, मकान, प्लॉट खरीदने में अधिक निवेश कर रखा है। एसीबी की पांच टीमों ने गुरुवार सुबह से चिकित्सा अधिकारी के वैशाली नगर स्थित हस्तीनापुर आवास, एसएमएस हॉस्पिटल कार्यालय, झुंझनूं स्थित निजी अस्पताल, आवास सहित पांच ठिकानों पर सर्च किया। म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस में भी मोटी रकम निवेश किया गया है। चिकित्सा अधिकारी के ठिकानों पर सर्च में 22 आवासीय और कृषि भूखण्डों के दस्तावेज बरामद हुए हैं। सर्च में आरोपी व परिजन के कई बैंक खातों की जानकारी मिली है।