हल्के में न लें
टाइप 2 डायबिटीज के केस ज्यादा उन लोगों में मिल रहे हैं, जो कोविड के दौरान गंभीर थे और उन्हें लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था। बड़ी संख्या में युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं। हालांकि इसे उचित देखभाल से नियंत्रित किया जा सकता है। अगर डायबिटीज अनियंत्रित रहती है तो इससे हार्ट और किडनी फेलियर का खतरा बढ़ जाता है और आंखों की रोशनी भी जा सकती है।-डॉ. बलराम शर्मा, सीनियर एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, एसएमएस अस्पताल
20 से 25 नए मरीज रोजाना आ रहे
एसएमएस अस्पताल की ओपीडी में रोजाना 200-250 मरीज डायबिटीज का इलाज करवाने आते हैं, जिनमें से 20 से 25 मरीज ऐसे होते हैं, जिनमें पहली बार डायबिटीज की पुष्टि होती है। 15 से 25 वर्ष के आयु वर्ग में टाइप 2 डायबिटीज की पुष्टि हो रही है। यह स्थिति पोस्ट कोविड के बाद जीवनशैली, खानपान, और तनाव में आए बदलावों के कारण देखी जा रही है।ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाएं
सीनियर एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. अभिनव गुप्ता का कहना है कि यदि डायबिटीज के लक्षण महसूस हों तो तुरंत ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाएं। यदि किसी व्यक्ति या उनके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। डायबिटीज ग्रस्त मरीजों को भोजन समय पर और उचित मात्रा में करना चाहिए।बचाव के उपाय
1-डॉक्टर से बिना परामर्श दवा का सेवन न करें2-सप्ताह में तीन दिन 150 मिनट तक या रोजाना 45 मिनट तक वॉक करें
3-खानपान में बदलाव जरूरी है
4-योग, मेडिटेशन, शारीरिक गतिविधि और एक्सरसाइज को नियमित रूप से करें
5-डाइट में प्रोटीन युक्त आहार और साबुत अनाज शामिल करें