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Adhik Mas 2020 – पूजा-पाठ का मिलता है दस गुना अधिक फल, ऐसे जुड़ गया श्रीराम का नाम

उदया तिथि के अनुसार आज से अधिक मास की शुरुआत हो रही है। अंग्रेजी कैलेंडर में जहां चार वर्ष में एक बार लीप ईयर आता है वहीं हिंदू कैलेंडर में अधिक मास होता है। 19 साल पहले सन 2001 में भी आश्विन का अध‍िक मास आ चुका है।

जयपुरSep 18, 2020 / 10:22 am

deepak deewan

Adhik Mas Mystery Significance , Malmas 2020 : Purushottam Mas

Adhik Mas Mystery Significance , Malmas 2020 : Purushottam Mas

जयपुर. उदया तिथि के अनुसार आज से अधिक मास की शुरुआत हो रही है। अंग्रेजी कैलेंडर में जहां चार वर्ष में एक बार लीप ईयर आता है वहीं हिंदू कैलेंडर में अधिक मास होता है। 19 साल पहले सन 2001 में भी आश्विन का अध‍िक मास आ चुका है। हालांकि लीप ईयर के साथ आश्विन में अध‍िक मास इससे पहले 2 सितंबर 1860 को आया था। इस तरह सन 2020 में लीप ईयर एवं आश्विन अध‍िक मास का संयोग पूरे 160 साल बाद बना है।
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि अतिरिक्त माह होने के कारण इसे मलिन माना गया और यही कारण है कि इसे मल मास कहा जाता है। आमतौर पर इस मास के दौरान प्रमुख संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, गृहप्रवेश, जेवर आदि कीमती चीजों की खरीदी आदि कार्य नहीं किए जाते हैं। इसे अधिक मास भी कहा जाता है।

अध‍िक मास को श्रीराम के एक अन्य नाम पुरूषोत्तम मास के नाम से भी पुकारा जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार देवताओं के आग्रह पर विष्णुजी ने अध‍िक मास के अधिपति स्वामी बनना स्वीकार किया। अध‍िक मास में किए गए धार्मिक कार्यों का ज्यादा फल मिलता है। माना जाता है कि इस माह में किए गए पूजा-पाठ से 10 गुना अधिक फल मिलता है।

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