इस क्षेत्र में योग्यता हासिल करने वाले युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए पब्लिक हेल्थ काडर एवं पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट काडर बनाया जाएगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के स्तर पर इसकी एक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसे स्वीकृति के लिए उच्च स्तर पर भिजवाया जाएगा।
विशेषज्ञों ने बताई थी जरूरत
विगत दिनों इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीश कुमार अन्य विषय विशेषज्ञों सहित राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के चिकित्सक भी शामिल थे। इस बैठक में जिसमें विशेषज्ञों ने राजस्थान में मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ (एमपीएच) प्रोग्राम की मांग बढ़ाने और पब्लिक हेल्थ एवं प्रबंधन के लिए एक अलग काडर स्थापित करने की जरूरत बताई है।
अभी स्पेशलिस्ट और टीचिंग काडर
प्रदेश में स्पेशलिस्ट एवं टीचिंग काडर तो मौजूद हैं, लेकिन जनस्वास्थ्य और जनस्वास्थ्य प्रबंधन काडर नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधीन 20 हजार से अधिक चिकित्सा संस्थान हैं, जो प्राथमिक से लेकर तृतीयक स्तर तक की स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। कोविड के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सामने आए संकट जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए जनस्वास्थ्य शिक्षा और इससे संबंधित काडर की आवश्यकता महसूस की गई। इसके बाद जनस्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सात संभागों में जनस्वास्थ्य (पब्लिक हेल्थ) कॉलेज शुरू किए जाएंगे।
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मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार यह काडर तैयार किए जा रहे हैं। अभी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। स्वीकृति के बाद आगे की प्रक्रिया होगी।
गजेन्द्र सिंह खींवसर, चिकित्सा मंत्री