पीडि़त रामफूल मीणा ने बताया कि बुधवार तड़के करीब साढे चार बजे वह शौच के लिए उठा तो मकान की सीढियों में जानवर पड़ा दिखाई दिया। जंगली जीव के आने अंदेशा भांपकर तुरन्त रोशनी कर देखा तो वहां सीढिय़ों में मगरमच्छ पड़ा था। देखते ही एक बार तो होश उड़ गए। तत्काल मामले की जानकारी ग्रामीणों व नाका वनकर्मियों को देकर घर में मौजूद परिवार के अन्य सदस्यों को सावधान किया। घर में मगरमच्छ घुसने की जानकारी लगते ही मौके पर ग्रामीणों की भीड़ एकत्रित हो गई। लोगों ने मगरमच्छ को बाहर निकालने का प्रयास किया।
बाद में नाका वनपाल भरतसिंह की अगुवाई में वनकर्मियों की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के सहयोग से करीब एक घण्टे की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को रेस्क्यू किया। टीम में वन रक्षक बृजमोहन, विकास, वनगार्ड कैलाश चन्द आदि शामिल रहे। नाका वनपाल ने बताया कि संघन वनक्षेत्र होने के कारण सम्भवतया भोजन की तलाश में रास्ता भटक कर मगरमच्छ घर में घुस गया। करीब साढे़ तीन वर्ष की उम्र के मगरमच्छ की लम्बाई पांच फीट थी। रात्रि में मकान में एक बच्चा व दो महिलाओं सहित चार लोग मौजूद थे।