केन्द्रीय मंत्री पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जल संचय में जन भागीदारी की बात कही थी, जिसे खड़गदा के ग्रामीणों ने साकार कर दिखाया है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि नदियों को जोड़कर देश के सूखे क्षेत्रों को हरा-भरा किया जाए। उसी दिशा में काम करते हुए 11 नदियों को जोड़कर राजस्थान को हरा-भरा बनाएंगे। इसके लिए राजस्थान को केंद्र सरकार बजट देगी। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और पलायन को रोका जा सकेगा। पाटिल ने मोरन नदी के प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाकर भेजने को कहा है।
खड़गदा की मोरन नदी का मॉडल अपनाएं: सीएम मुख्यमंत्री ने कहा कि खड़गदा की मोरन नदी इस क्षेत्र की जीवन रेखा है। जनसहयोग से इसका पुनरुद्धार करके गांव वालों ने राज्य के समक्ष उदाहरण पेश किया है। जिसे राज्य के प्रत्येक गांव को अपनाना चाहिए। गौरतलब है कि मोरन नदी पर राम कथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री की पहल पर ग्रामीणों के समन्वित प्रयासों से करीब ढाई करोड़ के कार्य किए गए हैं। नदी पर अहमदाबाद की तर्ज पर रिवर फ्रंट बनाने को लेकर प्रयास किये जा रहे है। इस मोरन नदी पर 8 वर्ष पूर्व कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू ने पत्रिका के अमृतंजलम् अभियान के तहत श्रमदान किया था।
राजस्थान राइजिंग का मिलेगा लाभ मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिले में 44 करोड़ की लागत से शिल्पग्राम का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि राइजिंग राजस्थान समिट के तहत प्रदेश में 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू किए गए हैं, वहीं डूंगरपुर जिले के लिए 1500 करोड़ के एमओयू किए गए। उन्होंने कहा कि बेणेश्वर धाम एवं मानगढ़ धाम को जोड़कर विकास कराया जाएगा।