रात्रि में राखी बांधना सर्वश्रेष्ठ ज्योतिषाचार्य पंडित दिनेश दास ने बताया कि द्वितीय शुद्ध श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर 30 अगस्त को बुधवार के दिन धनिष्ठा उपरांत शततारका नक्षत्र तथा अतिगंड योग एवं सुकर्मा करण के साथ कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा, क्योंकि इस बार भद्रा का वास भू-लोक पर होने के कारण रक्षाबंधन रात्रि में ही मनाया जाना श्रेष्ठ है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त Raksha Bandhan 2023 Date: पंचांग के अनुसार सावन माह की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त की सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी और 31 अगस्त की सुबह 7.05 मिनट तक है जबकि पूर्णिमा के साथ ही भद्रा काल का समय शुरू होकर रात्रि 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगा।इसलिये राखी बांधने का मुहूर्त रात को 9 बजकर 1 मिनट के बाद ही बन रहा है और रात्रि में ही बहने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
भद्रा को क्यों माना जाता है अशुभ भद्रा सूर्य की बेटी और शनि की सगी बहन है यह शनि देव की तरह ही स्वभाव से क्रूर मानी गई है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मान्यता है कि रावण की बहन शूर्पणखा ने भद्रा काल में अपने भाई रावण को राखी बांधी थी। इसका प्रभाव ये हुआ कि रावण और उनके पूरे कुल का सर्वनाश हो गया। इसी मान्यता के कारण भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना गया है। यह भी माना जाता है कि भद्रा काल में राखी बांधने से भाई की उम्र कम हो जाता है।