मालूम हो कि 22 फरवरी 2020 को भानपुरी इलाके के चारगांव सडक़पार निवासी मनचीत कश्यप शाम को अपने घर में बेटे नकुल कश्यप के साथ बात कर रहा था। इसी दौरान गांव में ही रहने वाले 14 लोग इकट्ठे होकर उनके घर पहुंचे और मनचीत कश्यप पर जादू-टोना करने का आरोप लगाते हुए मारपीट शुरू कर दी थी। इसे छुड़ाने के लिए बेटा नकुल व पत्नी दशई कश्यप भी बीच में आई लेकिन उन्होंने उनसे भी मारपीट की और घायल कर दिया। लेकिन मनचीत कश्यप को नहीं छोड़ा। सभी के हमले की वजह से(Jagdalpur crime) मनचीत की मौत हो गई थी। अब सभी 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
प्रत्यक्षदर्शी बेटे और पत्नी की गवाही ने निभाया अहम रोल
इस घटना के प्रत्यक्षदर्शी नकुल और पत्नी दाशई कश्यप ने पूरी घटना की जानकारी कोर्ट में बतौर प्रत्यक्षदर्शी रखी थी। विवेचक को इसी जानकारी दी थी। जिसके बाद टोनही प्रताडऩा की धारा 4 व 5 और सीआरपीसी की धारा 302 व 149 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसी बात को दोनों ने कोर्ट में भी लिपिबद्ध करवाया था। वहीं इसके अलावा डॉक्टर ने भी माना था कि मनचीत के शरीर में चोट के निशान थे और ज्यादा खून बहने की वजह की वजह से उसकी मौत हुई। इन सभी चीजों को सुनने के बाद अदालत ने सभी 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
इन सभी लोगों को हुई सजा
सोनूराम बघेल, रामलाल कश्यप, फुलनाथ कश्यप, मंगियाराम, जयनाथ कश्यप, सहदेव नेताम, सुकमन कश्यप, खेलुराम बघेल, सुकुराम कश्यप, लखेश्वर कश्यप, गागरा कश्यप, अन्नुलाल नेताम, लेशनराम कश्यप, गंगाराम कश्यप। सभी भानुपरी के चारगांव के निवासी है।