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Hareli 2023 : गेड़ी पर चढ़कर सरपट चले मुख्यमंत्री , देखें हरेली पर्व के उत्साह और उमंग की फोटो इस साल 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी पूजा दंतेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी कृष्ण पाढ़ी ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के विभिन्न पूजा विधानों की तिथिनुसार पूरी की जाती है। बस्तर दशहरा हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को पाट-जात्रा पूजा विधान से प्रारंभ होकर मांई जी की विदाई पूजा विधान 31 अक्टूबर तक जारी रहेगी।
बस्तर दशहरा के प्रथम पूजा विधान पाट-जात्रा में बस्तर संभाग के जनप्रतिनिधि गणमान्य नागरिक, मांझी-चालकी, पुजारी, रावत और जन समुदाय उपस्थित होंगे। रथ निर्माण करने वाले कारीगरों और ग्रामीणों के द्वारा मांझी चालकी, मेंबरीन के साथ जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में पूजा-विधान के साथ पाट-जात्रा की रस्म संपन्न होगी। इस दौरान अंडा-मुर्गा और मोगरी मछली की बलि भी चढ़ाई जाती है। पाट जात्रा के साथ ही बस्तर दशहरा के दुमंजिला रथ निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी।
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हादसा : अरपा में डूबीं 3 बच्चियां, आक्रोशित ग्रामीणों ने किया नेशनल हाईवे जाम, सीएम बघेल ने जताया दुख इस लकड़ी से रथ निर्माण के लिए बनाए जाने वाले औजार टुरलू खोटला अर्थात विशालकाय हथौड़ा बनाया जाएगा, जिसे दंतेश्वरी मंदिर के सामने ग्रामीणों के द्वारा रखा गया है। जिसकी परंपरानुसार औजारों के साथ पूजा कर बस्तर दशहरा का शुभारंभ किया जाएगा।