Mukesh Chandrakar Murder Case: सभी टेंडर को भी विभाग ने किया रद्द
हत्याकांड के बाद सरकार ने आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में 11 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी लगातार इस घटना की छानबीन कर रही है। हत्यारों से पूछताछ भी की जा रही है। इधर, एसआईटी में शामिल जिन अफसरों पर बीजापुर के पत्रकार संदेह जता रहे थे उन्हें सरकार ने अब तक नहीं बदला है। बीजापुर जिले के ही अधिकांश अधिकारियों को एसआईटी में रखा गया है। इसी बात का विरोध हो रहा है। उल्लेखनीय है कि मुकेश चंद्रकार हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्रकार के ठेकेदारी का लाइसेंस पीडब्लूडी ने मंगलवार को निरस्त कर दिया था। इसके अलावा उसे जारी सभी टेंडर को भी विभाग ने रद्द कर दिया था।
1 जनवरी को हुई थी हत्या
Mukesh Chandrakar Murder Case: पुलिस ने मिली जानकारी के मुताबिक बीजापुर के ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घर में मुकेश की हत्या की प्लानिंग बनी थी। वहीं सुरेश चंद्राकर के छोटे भाई रितेश ने 1 जनवरी की रात मुकेश को सुरेश के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में डिनर करने बुलाया था। (chhattisgarh news) इसके बाद से मुकेश लापता था। जिस सेप्टिक टैंक से मुकेश की लाश निकाली गई थी, अब उसका पूरा स्लैब निकाला गया है।
सभी आरोपी गिरफ्तार
3 जनवरी की शाम मुकेश की लाश ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बैडमिंटन कोर्ट परिसर के सेप्टिक टैंक में मिली थी। इसके बाद सुरेश चंद्राकर खुद हैदराबाद भागा और अपने भाई रितेश को
रायपुर की तरफ भगा दिया था। वहीं पुलिस ने शव बरामद कर 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।