जबलपुर. शहर का ऑक्सीजोन कही जाने वाली मदनमहल पहाड़ी पर अतिक्रमण कर कांक्रीट का जंगल खड़ा कर दिया गया था। पत्रिका ने पहाड़ी को अतिक्रमण मुक्त कराने अभियान चलाया। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका लगी तो मंत्री-नेता संरक्षण में आ गए। हाईकोर्ट ने दखल देकर नेताओं को भी सबक सिखाया और अवैध कब्जों को हटाने का आदेश दिया। हटाने की जब बारी आई तो पता चला कि ढाई हजार मकान हरियाली को निगलकर तन गए। इन्हें हटाने के बाद चट्टानों के बीच पहाड़ी को फिर से हरा भरा बनाने की चुनौती थी। पहले फेंसिंग करने के साथ ही ड्रिप इरीगेशन की व्यवस्था कर पौधरोपण किया गया। स्मार्ट सिटी के तहत लोगों को साथ लेकर चौहानी साइट में 24 एकड़ पहाड़ी पर 20600 पौधे लगाए गए। 5 साल में ये क्षेत्र हरा भरा हो गया।
दूसरे चरण में 8 एकड़ में सूपाताल मंदिर के सामने 10600 पौधे लगाए गए। दरगाह छोर पर 3 हजार पौधे लगाए। इसी तरह से चौथे चरण में मदनमहल किला मार्ग पर 20 हजार फलदार पौधे लगाए गए। पौधरोपण और देखभाल से पहाड़ी का ये क्षेत्र अब हरा भरा हो गया है।
सड़ांध मारते नाले और बंजर जमीन पर 10 हजार पेड़ों का ग्रीन कॉरिडोर पौधे लगाने के उत्सव तो हर साल मनाए जाते हैं, लेकिन ज्यादातर पौध सूख जाते हैं या उसे पौधे चर जाते हैं। ऐसे में मन में भाव जगा कि मदनमहल लिंक रोड के किनारे ग्रीन कॉरिडोर बनाने नगर निगम ने जो पौधे रोंपे हैं, उनमें से एक-एक पौधा बचाना है। स्नेह नगर निवासी मदन दुबे ने यहां रोंपे गए पौधों को बचाने का बीड़ा उठाया। निगम ने तो पौधे लगाकर छोड़ दिया, लेकिन उन्हें खाद-पानी समय पर मिले, फेंसिंग और पोल में होने वाली टूट-फूट में तत्काल सुधार कराया। स्वयं तो जुटे ही रहे, जहां आवश्यकता पड़ी निगम प्रशासन को भी जगाया। पांच साल में पौधे अब पेड़ बन चुके हैं, 10 हजार पौधों का ग्रीन कॉरिडोर तैयार हो चुका है।
नाले की सड़ांध के बीच झुग्गी बस्ती प्रस्तावित लिंक रोड की जमीन पर झुग्गी बस्ती बस गई थीं। पत्रिका ने अभियान चलाकर इस जमीन को अति₹मण मुक्त कराया था। इसके बाद सडक़ बनी और ओमती नाला के किनारे आरक्षित हरित क्षेत्र में लिंक रोड के किनारे पौधरोपण किया गया। स्टेट बैंक में डिप्टी मैनेजर पद पर पदस्थ रहे मदन दुबे आगे चलकर पौधरोपण करने के साथ स्वच्छता को लेकर काम करने वाली वॉक एंड क्लीन टीम से भी जुड़ गए। इस टीम की शुरुआत हाईकोर्ट के अधिवक्ता अमित सिंह और अरविंद दुबे ने की थी।
गंदगी उठाते देखा तो जगे भाव पर्यावरण प्रेमी मदन ने बताया कि उन्होंने एक वीडियो देखा जिसमें अमित, अरविंद और उनकी टीम ऐसे स्थान से गंदगी उठा रहे थे, जहां कोई व्यक्ति खड़ा भी न हो। वे वॉक एंड क्लीन की इस टीम से जुड़ गए। यह टीम शहरवासियों में स्वच्छता की अलग जगाने तो काम कर ही रही है। इसके साथ ही टीम ने शैलपर्ण उद्यान परिसर में एक ओर बंजर रही जमीन पर 1 हजार से ज्यादा पौधे लगाए। कोरोना
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