जबलपुर. शहर में सरकारी काम निपटाने के बाद बनखेड़ी जाने के लिए मेमू ट्रेन में सवार होने के लिए राजेश सोंधिया मदनमहल स्टेशन पहुंचे। स्टेशन से टिकट ली। लेकिन जब ट्रेन आई तो उसमें भीड़ देखकर उनके होश उड़ गए। ट्रेन यात्रियों से ओवर लोड थी। ट्रेन के दरवाजों को यात्रियों ने घेर लिया था। जैसे-तैसे वे दरवाजे तक पहुंचे कि ट्रेन रवाना हो गई। यह समस्या केवल एक यात्री की नहीं है। जबलपुर-इटारसी रूट के हजारों यात्री रोज परेशान हो रहे हैं। दरअसल कटनी-इटारसी मेमू ट्रेन और अधारताल-रानीकमलापति इंटरसिटी ट्रेन में सीट नहीं मिल पा रही है। मेमू ट्रेन आठ कोच के साथ संचालित हो रही है।
आए दिन बंद हो रही विंध्याचल एक्सप्रेस भोपाल-बीना-इटारसी विंध्याचल एक्सप्रेस को भी आए दिन निरस्त किया जा रहा है। यह जबलपुर से इटारसी के बीच छोटे स्टेशनों पर भी रुकती है। पिछले डेढ़ माह से ट्रेन रद्द है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में यात्रियों का दबाव कटनी-इटारसी मेमू ट्रेन पर बढ़ गया है।
पैसेंजर ट्रेनों की कमी दरअसल रेल प्रशासन का ध्यान केवल स्लीपर कोच और वातानुकूलित कोचों तक सीमित होकर रह गया है। आम यात्रियों के लिए पैसेंजर ट्रेनों को नहीं चलाया जा रहा है।एक कोच मे 150 से 200 यात्री तक सफर करने को मजबूर हैं। यात्रियों का कहना है कि मेमू ट्रेन में कोचों की संख्या बढ़ाकर 12 की जाए। अधारताल-रानी कमलापति इंटरसिटी ट्रेन में भी 2 कोच बढ़ाए जाएं।
विंध्याचल एक्सप्रेस एक माह से रद्द है। जिसके कारण मेमू में भीड़ बढ़ रही है। इसके कोच बढ़ाने चाहिए। रेल प्रशासन को सामान्य यात्रियों की कोई चिंता नहीं है। रूद्र प्रताप सिंह रेल प्रशासन का ध्यान केवल एसी कोचों तक सीमित हो गया है। साधारण श्रेणी के यात्रियों के लिए कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण लोगों को सफर के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
कीर्ति बाला पटेल
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