बेकसूर को फसाते है दलाल
जस्टिस अग्रवाल ने कार्यशाला में कहा कि एससी-एसटी एक्ट में मुआवजे का प्रावधान है। इसलिए जैसे ही ऐसे मामले सामने आते हैं कई दलाल भी सक्रिय हो जाते हैं जो फरियादी को मुआवजा दिलाने के नाम पर बेगुनाह को फंसा देते हैं। उन्होंने कहा कि ‘ऐसे मामलों में कही न कही प्रशासन, पुलिस और न्यायपालिका तीनों की कमी है। इसलिए जांच के दौरान हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए इस वजह से हमारी विश्वसनीयता तो खराब नहीं हो रही।’ झूले से गिरकर 3 महीने के मासूम की मौत, परिवार में छाया मातम दबाव में काम करना हमारी काबिलियत – जस्टिस अग्रवाल
इसके अलावा जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि ‘एनसीआरबी (NCRB Report) में एमपी में अपराधों की संख्या अधिक दिखती है लेकिन यह चिंता की बात नहीं है बल्कि इससे यह स्पष्ट होता है कि एमपी में अपराधों की रिपोर्टिंग सही है।’ जस्टिस अग्रवाल ने पुलिस प्रशासन के काम की सराहना करते हुए कहा कि ‘वे इस बात से भली-भांति परिचित हैं कि पुलिस प्रशासन दबाव में काम करता है। यहां तक कि न्यायपालिका पर भी दबाव डालने की कोशिश की जाती है लेकिन यह हमारी काबिलियत है कि हम किसी दबाव में नहीं आते और अपना काम ईमानदारी से कर पाते हैं।’