शराब नहीं पीने की कसम
बताया गया है कि रांझी निवासी मनीष कोल शराब का आदी है। वह आए दिन शराब पीकर मारपीट करता था। पत्नी से यह प्रताडऩा सहन नहीं हुई तो उसने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी। बीते 8 साल से मामला अदालत में विचाराधीन था। शनिवार को हुई नेशनल लोक अदालत में पति-पत्नी के बीच सुलह करा दी गई और वे एक-दूजे का हाथ थाम कर फिर अपने घर लौट गए। दरअसल रांझी निवासी मनीष कोल पेशे से मजदूर है। उसका विवाह 10 साल पूर्व ज्योति से हुआ। लेकिन शराब की लत और इसके बाद दुव्यहार ने उसे पत्नी से दूर कर दिया था। पत्नी मायके में रह रही थी। अब मनीष ने पत्नी ने से कभी विवाद न करने और शराब नहीं पीने की कसम खाई है।
123 करोड़ रुपए अवार्ड
प्रदेश भर में तहसील से लेकर हाईकोर्ट स्तर तक आयोजित नेशनल लोक अदालत में शनिवार को समझौते के लिए 3 लाख 28 हजार प्रकरण रखे गए थे। इनमें से 54 हजार 677 मामले में समझौते हुए। इनमें 122 करोड़ 90 लाख 17 हजार 713 रुपए के अवार्ड पारित किए गए।
विधानसभा चुनाव का असर
मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव विजय चंद्र ने बताया कि राज्य में चल रही विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया का असर नेशनल लोक अदालत में भी देखा गया। इस बार निराकृ त प्रकरणों की संख्या हर बार की तुलना में काफी कम रही। उपसचिव अरविंद श्रीवास्तव, वरिष्ठ विधिक सहायता अधिकारी एसपी पाण्डेय, विधिक सहायता अधिकारी पूनम तिवारी, राजेश कुमार सक्सेना उपस्थित रहे।
जबलपुर में पहली बार रखे गए भूमि के मामले
नेशनल लोक अदालत में जबलपुर संभाग से जुड़े भूमि के विवाद से संबंधित मामले भी पहली बार शामिल किए गए। इससे पहले इंदौर और ग्वालियर में हुई नेशनल लोक अदालतों में इन मामलों को शामिल किया जा चुका है।
रखे गए मामले – 3 लाख 28 हजार
निराकृत प्रकरण – 54 हजार 677
अवार्ड की राशि – 122 करोड़ 90 लाख 17 हजार 713 रुपए
जिला अदालत में निपटे 1991 प्रकरण
जिला अदालत में नेशनल लोक अदालत के दौरान 1991 प्रकरण निराकृत किए गए। इनमें 18 करोड़ 10 लाख रुपए का अवार्ड पारित किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शरद भामकर, विधिक सहायता अधिकारी प्रदीप ठाकुर ने बताया कि इसके लिए 43 खंडपीठों का गठन किया गया था। निपटे मामलों में 1341 लंबित प्रकरण और 450 प्री लिटिगेशन प्रकरण शामिल हैं।