जानकारों के अनुसार बारिश के समय में नदी-नालों का पानी मटमैला हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों जलस्त्रोत में बरसाती पानी मिलने से कई जगह दूषित जल का लोग सेवन करते हैं। शुद्ध पेयजल नहीं होने के कारण लोग डायरिया के पीड़ित हो रहे हैं। जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है वे भी इस मौसम में बीमार पड़ रहे हैं। दूषित खान-पान भी डायरिया, टायफाइड और वायरल फीवर की वजह बन रही है।
डायरिया और टायफाइड के कुछ मरीज आए हैं। ओपीडी में बुखार के मरीज सबसे ज्यादा हैं। अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।
डॉ. पंकज ग्रोवर, आरएमओ, विक्टोरिया जिला अस्पताल