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जबलपुर

Railway Budget 2016 – 90 के दशक में नैरोगेज ट्रेन से होते थे टाइगर के दर्शन

नागपुर-नैनपुर नैरोगेज ट्रैक पर पैलेस ऑन व्हील की तर्ज पर दौड़ाई गई थी ट्रेन, कान्हा नेशनल पार्क आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने और राजस्व बढ़ाने की थी योजना 

जबलपुरMar 07, 2016 / 06:59 am

Lali Kosta


दीपंकर रॉय @ जबलपुर। रेल मंत्रालय ने टाइगर नेशनल पार्कों का भ्रमण आसान बनाने और राजस्व बढ़ाने के लिए इस साल के बजट में टाइगर सर्किट के तहत सपेशल ट्रेन चलाने का प्रावधान किया है। ये कवायद बंद हो चुके सतपुड़ा नैरोगेज ट्रैक पर 90 के दशक में हो चुकी है। दक्षिण पूर्व रेल ने कान्हा टाइगर नेशनल पार्क के लिए स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन का संचालन किया था। 

नागपुर रेल मंडल(दक्षिण पूर्व मध्य रेल) के अधीन शुरू की गई यह स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन पर्यटकों को कान्हा टाइगर रिजर्व के लिए आकर्षित करने के साथ ही रेल राजस्व में इजाफा के लिए की गई थी। रेल मंत्रालय के इस बजट में टूरिस्ट सर्किट में जबलपुर को शामिल किए जाने और सतपुड़ा नैरोगेज ट्रैक पर अमान परिवर्तन का कार्य जारी होने से अब पर्यटक ब्रॉडगेज में दौडऩे वाली नई टाइगर टूरिस्ट ट्रेन से शेर के दर्शन संभव होंगे। 

नैनपुर तक ट्रेन, कान्हा के लिए टैक्सी 
दक्षिण पूर्व रेलवे ने कान्हा के लिए नागपुर रेलवे स्टेशन से स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन का संचालन शुरू किया था। इसे कान्हा नेशनल पार्क के खुलने पर माह में एक बार नागपुर-नैनपुर-नागपुर के बीच दौड़ाएं जाता था। इसमें पर्यटक नागपुर-नैनपुर का सफर नैरोगेज की स्पेशल ट्रेन में करते थे। नैनपुर में रेलवे के विश्राम गृह में यात्रियों के कुछ देर ठहरने की व्यवस्था की गई थी। नैनपुर से कान्हा नेशनल पार्क के लिए रेलवे ने प्राइवेट टैक्सी का इंतजाम किया था। 


नागपुर से नैनपुर(लगभग 60 किमी) तक ट्रेन के सफर के बाद यात्री चिरईडोंगरी के रास्ते कान्हा नेशनल पार्क तक टैक्सी से पहुंचते थे। ट्रेन का नागपुर-नैनपुर के बीच कोई कमर्शियल स्टॉपेज नहीं था। ये ट्रेन नागपुर से पर्यटकों को लेकर सीधे नैनपुर आती थी। दपूरे से सेवानिवृत्त सीटीआई जीसी सील के अनुसार कान्हा के लिए नागपुर-नैनपुर के बीच स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन चलाने से इस क्षेत्र में पर्यटन बढऩे की उम्मीद थी। लेकिन ये ट्रेन जल्द बंद हो गई थी। कान्हा टाइगर रिजर्व टूरिस्ट का बड़ा डेस्टीनेशन है। बजट में टाइगर सर्किट की योजना से कान्हा के लिए पर्यटक ट्रेन फिर से शुरू होने की उम्मीद है। 

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चाय, नास्ता और खाना-पीना 
रेलवे ने स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन के लिए नैरोगेज कोच में कई बदलाव किए थे। सूत्रों के अनुसार 8 डिब्बे वाली इस ट्रेन के सभी कोच प्रथम श्रेणी के थे। इसमें पर्यटकों के बैठने के लिए सोफे थे। ट्रैक पर पडऩे वाले कुछ चुनिंदा स्टेशन में पर्यटकों के लिए चाय, नास्ता और खाने-पीने की व्यवस्था की। कान्हा तक स्पेशल नैरोगेज टूरिस्ट ट्रेन को रेलवे ने पैलेस ऑन व्हील की तर्ज पर संचालित करने की योजना बनाई थी। लेकिन नैरोगेज ट्रेन के नागपुर-नैनपुर(तकरीबन 250 किलोमीटर) के बीच लंबे सफर और वातानुकूलित कोच नहीं होने से ये टे्रन पर्यटकों को रास नहीं आयीं। पर्यटकों की कमी और प्रत्येक फेरे में रेलवे को हो रहे घाटे के चलते कुछ ही समय में स्पेशल टूरिस्ट ट्रेन बंद हो गई। 

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