scriptसाइबर अपराधों के खुलासे में पिछड़ी पुलिस, जांच के नाम पर लंबे समय तक नहीं दर्ज होती FIR | MP Police failed in revealing cyber crimes, FIR is not registered for a long time in the name of investigation | Patrika News
जबलपुर

साइबर अपराधों के खुलासे में पिछड़ी पुलिस, जांच के नाम पर लंबे समय तक नहीं दर्ज होती FIR

Cyber Crime : जिले में साइबर सेल तो है, लेकिन साइबर सेल टीम उतनी एक्सपर्ट नहीं है, जितनी होना चाहिए। टीम के पास अत्याधुनिक संसाधनों की भी कमी है।

जबलपुरNov 24, 2024 / 03:30 pm

Avantika Pandey

cyber crime
Cyber Crime : साइबर अपराधों की जांच और कार्रवाई में शहर और देहात के थानों की पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है। यही कारण है कि जांच के नाम पर साइबर से जुड़े अपराधों को कई महीनों और कई बार तो वर्षों लटकाकर रखा जाता है। आवेदक थानों के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन अफसर जांच की बात कहकर एफआईआर दर्ज नहीं करते। इससे आदेवकों को न्याय मिलने में देरी हो रही है। हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए, जिसमें पुलिस ने सालों और कई महीनों बाद एफआईआर(Cyber Crime) दर्ज की।
ये भी पढें – खुशखबरी, एमपी के टॉपर छात्र करेंगे हवाई जहाज से यात्रा, 5 स्टार होटल में ठहरेंगे

एफआईआर में देरी

केस 1- ई कॉमर्स कम्पनी का कस्टमर केयर अधिकारी बन साइबर ठग और उसकी महिला साथी ने महिला अधिवक्ता रामपुर छापर साईं विहार कॉलोनी निवासी गरिमा चतुर्वेदी को चार लाख 57 हजार 734 रुपए का चूना लगा दिया। वारदात 27 दिसम्बर 2021 को हुई। एफआइआर तीन साल बाद 21 नवम्बर को गोरखपुर थाने में दर्ज की गई।
ये भी पढें – एक बार फिर उज्जैन की बेटी ने बढ़ाया मान, UPSC इंजीनियरिंग परीक्षा में चंद्रिका ने ऑल इंडिया में पाई 6वीं रैंक

केस 2- ऑनलाइन फाइव स्टार रेटिंग देने के जॉब का झांसा देकर एक साइबर ठग ने पनागर परियज राजुल स्टेट निवासी अंजना सेन को 37 हजार रुपए की चपत लगाई। वारदात 19 फरवरी को हुई, लेकिन सिविल लाइंस पुलिस को जांच में नौ माह लग गए। एफआईआर आठ नवम्बर को दर्ज की जा सकी।
ये भी पढें -प्रदेश में बर्फीली हवाओं का कहर, 24 साल बाद भोपाल में नवंबर की सबसे सर्द रात

केस 3- आइटीबीपी निरीक्षक कमल कुमार के क्रेडिट कार्ड से 25 हजार रुपए निकाल लिए गए। वारदात 12 फरवरी 2024 को हुई। मामले की शिकायत पीड़ित ने बरेला पुलिस से की। जांच(Cyber Crime) में लम्बा समय लगा। 18 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई।

तकनीकी कारण के चलते देरी

MP Police failed in revealing cyber crimes
एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि, साइबर से जुड़े अपराधों को पुलिस गंभीरता से लेती है। मामलों में तत्काल जांच व आवश्यक कार्रवाई की जाती है। तकनीकी कारणों के चलते कुछ मामलों में एफआइआर होने में देरी होती है, लेकिन प्रयास होता है कि एफआईआर तत्काल हो सके।

साइबर टीम के पास नहीं एक्सपर्ट

जिले में साइबर सेल तो है, लेकिन साइबर सेल टीम उतनी एक्सपर्ट नहीं है, जितनी होना चाहिए। टीम के पास अत्याधुनिक संसाधनों की भी कमी है। साइबर सेल के चंद अधिकारियों और जवानों पर पूरे जिले के थानों में होने वाले साइबर अपराध और उनकी जांच भी इन्हीं के जिम्मे हैं। इसलिए भी एफआईआर दर्ज करने में देरी होती है।

यहां करें शिकायत

-टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930
-इंडियन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल
-नजदीकी थाने में
-स्टेट साइबर सेल में
-जिला साइबर सेल


Hindi News / Jabalpur / साइबर अपराधों के खुलासे में पिछड़ी पुलिस, जांच के नाम पर लंबे समय तक नहीं दर्ज होती FIR

ट्रेंडिंग वीडियो