संस्था के गौरव चंचलानी कहते हैं कि संस्था की शुरूआत में सदस्य करिया पत्थर में जरूरतमंद बच्चों के साथ जन्मदिन मनाने गए थे। जन्मदिन तो मनाया लेकिन बच्चों की हालत और उनके रहनसहन को देखकर यह बात जहन में आ गई थी कि इन बच्चों को यदि बेहतर तालीम मिल जाए तो उनका भविष्य बन सकता है। लिहाजा रांझी क्षेत्र में कक्षा शुरू करने का विचार किया। संस्था के सभी साथियों ने रांझी में क्षेत्रों का भ्रमण किया। बड़ा पत्थर क्षेत्र में मुक्तिधाम के आसपास बच्चों को मार्गदर्शन की आवश्यकता है। बच्चों और उनके पालकों से संपर्क किया गया, जिसमें वे सब तैयार हो गए और हमने कक्षाएं शुरू कर दी।
कक्षाएं लगाने के बाद यह सामने आया कि बच्चों को शिक्षा के साथ सर्वागिण विकास की आवश्यकता है। कुछ बच्चे एेसे भी थे जो स्कूल में नाम लिखे होने के बावजूद स्कूल नहीं जाते थे। कक्षाएं शुरू होने से यह हुआ कि बच्चे धीरे-धीरे स्कूल जाने लगे। शाम होते ही बच्चे पढ़ाई के लिए एकत्र होने लगे। बच्चों के पालक भी उन्हें भेजने लगे।
कक्षाएं शुरू होने के दौरान बच्चों से घुलने मिलने में कुछ कठिनाई सामने आई लेकिन पढ़ाई का तरीका बदल दिया गया। प्रारम्भ में कहानी, कविता, ज्ञानवर्धक खेलों से बच्चों को जोड़ा गया। बच्चों के साथ अभिभावक भी सहयोग
करने लगे।
संस्थान का प्रमुख उददेश्य बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने के साथ आंतरिक प्रतिभा, कला कौशल विभिन्न क्रियाकलाप जैसे संगीत, नाट्य, नृत्य, कौशल,आर्ट-क्राफ्ट, कार्य कुशलता, क्रियात्मकता का विकास हो। बच्चों को सिखाई जा रही जीवन जीने की कला
वर्तमान में गर्मी के अवकाश को देखते हुए बच्चों को जीवन जीने की कला, हिंदी एवं अंग्रेजी पाठन, लिखना आदि पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है । बच्चों के मस्तिष्क विकास हेतु नाटक, योगा ध्यान पर फोकस करते हुए विभिन्न क्रियाकलाप कराए जा रहे है। यहां सप्ताह में एक दिन आर्ट एवं क्रॉफ्ट का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिससे उनका कौशल विकास हो सके।
उमेश कुमार साबरे, राज सूर्यवंशी, ओमनारायण उइके, स्नेहलता साबरे, दीपक मस्कोले, शुभम भारती, उत्तम गायकवाड़। बच्चों का भविष्य संवारने के लिए हम उन्हें शिक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं। पाठन सामग्री आदि की मदद हमें हेल्पिंग हैंडस संस्था से मिल रही है।
गौरव चंचलानी, सफल उड़ान लोक कल्याण संस्थान