जबलपुर। भगवान भोलेनाथ की भक्ति का महीना सावन बुधवार (20 जुलाई 2016) से शुरू हो रहा है। इस बार सावन में चार सोमवार है और हर सोमवार विशेष योग के साथ आ रहा है। पहला सोमवार 25 जुलाई को धृतियोग में आएगा। दूसरा, तीसरा एवं चौथा सोमवार एक, आठ एवं पंद्रह अगस्त को आएंगे। आखिरी सोमवार सोमप्रदोष को पड़ रहा है जो शिव की भक्ति करने वालों के लिए बड़ा ही फलदायी रहेगा।
इस बार सावन का कई अद्भुत योग लेकर रहा है। इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसे स्थान के बारे में बता रहे हैं जहां सावन का मेला अनेक बरसों से मेला भरा जाता है। और इसका इतिहास रानी दुर्गावती से जुड़ा होना बताया जाता है।
गोंड साम्राज्ञी रानी दुर्गावती का इस स्थान पर शासन था। मदन-महल की पहाडिय़ों पर जहां दुर्गावती का वॉच टॉवर बना हुआ है। उससे कुछ दूरी पर पहाड़ों पर मां शारदा का मंदिर है। मंदिर के संबंध में कहा जाता है कि यहां पहले शेर प्रतिदिन माता के दर्शनों के लिए आता था। अब भी यहां बड़ी संख्या में भक्तों का तांता सावन माह में लगता है।
मंदिर परिसर में आप बड़े-बड़े बांस में लाल ध्वजा बंधे हुए देख सकते हैं। इनमें से कई बरसों पुराने हैं। दरअसल, मंदिर में झंडा चढ़ाने की प्रथा भी दुर्गावती ने ही शुरू की थी। मंदिर परिसर से नीचे ही सावन का मेला लगता है। जो कि सिर्फ हर साल सावन के महीने में ही लगता है। और करीब चार सौ साल पुराना बताया जाता है।
पड़ गया सूखा
जानकार बताते हैं कि रानी के शासनकाल में एक बार गोंड साम्राज्य में सूखा पड़ा। जनता काफी परेशान होने लगी। तब रानी दुर्गावती ने मन्नत मांगी कि सूखा से राहत मिली तो देवी को झंडा चढ़ाएंगी। और ऐसा ही हुआ। तब से मंदिर में झंडा चढ़ाने की प्रथा सावन माह में शुरू हो गई। इसी खुशी में प्रजा ने मेला भी भरना शुरू किया। जो कि निरंतर जारी है।
Hindi News / Jabalpur / बुधवार से शुरू श्रावण माह, 4 सौ साल पुराना है ये ‘सावन मेला’