ज्योतिषाचार्य डॉ. सत्येन्द्र स्वरूप शास्त्री के अनुसार इस बार जन्माष्टमी 2 सितम्बर को भाद्रपद की अष्टमी तिथि के दिन मनाई जाएगी। भगवान का जन्मोत्सव रात 12 बजे होगा। लेकिन पूजन का मुहुर्त रात 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। यानि केवल 45 मिनट पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त है। सामान्य मुहूर्त में रात 8 बजे से कभी भी पूजन किया जा सकेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. जनार्दन शुक्ला के अनुसार 2 सितंबर को रात 8:45 बजे से अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी। जिसका समापन 3 तारीख को शाम 7:15 बजे होगा। चूंकि भगवान का जन्मोत्सव रात 12 बजे मनाया जाता है। इसलिए 2 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। क्योंकि 3 सितंबर को अष्टमी तिथि शाम को ही समाप्त हो रही है। भगवान श्रीकृष्ण को घी, मक्खन, दूध, जल आदि से अभिषेक कर नवीन वस्त्र धारण कराएं। इसके बाद विधि विधान से भगवान का पूजन करें।
कृष्ण जन्माष्टमी 2018
वर्ष 2018 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2 सितंबर 2018, रविवार को मनाई जाएगी।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त
जन्माष्टमी के दिन निशिता पूजा का समय = 11:55 से 12:40 तक।
मुहूर्त की अवधि = 45 मिनट
जन्माष्टमी में मध्यरात्रि का क्षण = 12:20
3 सितंबर को, पारण का समय = 08:05 के बाद
पारण के दिन अष्टमी तिथि के समाप्त होने का समय = 07:19
पारण के दिन रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने का समय = 08:05
वैष्णव कृष्ण जन्माष्टमी 3 सितंबर 2018 को मनाई जाएगी।
वैष्णव जन्माष्टमी के लिये अगले दिन का पारण समय = 06:04 (सूर्योदय के बाद)
पारण के दिन अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएंगे।
दही हाण्डी का कार्यक्रम – 3 सितंबर को मनाया जाएगा।
अष्टमी तिथि का प्रारंभ 2 सितंबर 2018, रविवार को 08:45 बजे से होगा जिसका समापन 3 सितंबर सोमवार को 07:15 बजे होगा।