रोजाना हो रही 30 हजार बोरा मटर की आवक, शहर में महज 5 प्रतिशत की खपत
शहर में बमुश्किल 5 प्रतिशत ही बिक रहा है। मटर व्यापारियों के अनुसार हवेली का मटर फ्रोजन बनाने वाली फैक्ट्रियों का पसंदीदा है, वे बुआई के साथ ही इसकी बुकिंग शुरू कर देते हैं। इस बार जबलपुरी मटर आधे अप्रेल तक आएगा।
हवेली नाम से प्रसिद्ध मटर
मटर व्यापारी एवं पूर्व सब्जी मंडी अध्यक्ष इंद्रेश दुबे ने बताया इन दिनों में हवेली यानि पाटन, कटंगी, मझौली क्षेत्र का मटर बाजार में बड़ी संख्या में आ रहा है। इन तीनों जगहों पर धान कटाई के बाद सी 10 किस्म का मटर लगाया जाता है। जो कि देश की विभिन्न मंडियों व प्रदेशों की फ्रोजन बनाने वाली मल्टी नेशनल कंपनियों द्वारा सबसे ’यादा खरीदा जाता है। इसकी खासियत ये है कि ये थोड़ा ठोस दाना होता है, जो कि लंबे समय तक चलता है। साथ ही इसका स्वाद फ्रोजन बनने के बाद भी बना रहता है।
25 से 30 हजार बोरा आवक
जानकारी के अनुसार जबलपुर कृषि उपज मंडी में रोजाना करीब 25 से 30 हजार बोरा (प्रति बोरा 55 से 70 किलो वजन) मटर बाजार में आ रहा है। इसके दाम 12 से 15 रुपए प्रतिकिलो थोक में बने हुए हैं। पूरी आवक में सी 10 या मिर्ची मटर की आवक 95 प्रतिशत तक है, बाकी 5 प्रतिशत आवक में पीयू 7, एपी &, पीएसएम किस्म शामिल है। जिनके दाम 7 से 10 रुपए प्रतिकिलो हैं।
30 प्रतिशत अकेले उत्तराखंड सप्लाई
जबलपुर मंडी से प्रतिदिन हवेली से आने वाले मटर का 30 प्रतिशत हिस्सा उत्तराखंड भेजा जा रहा है। यहां की फैक्ट्रियां रोजाना 20 से 25 गाड़ी मटर खरीद रही हैं। इन गाडिय़ों में 350 से 700 बोरा मटर होता है। इसके अलावा 25 प्रतिशत मटर महाराष्ट्र, यूपी, पूना, गुजरात समेत अन्य प्रदेशों में भेजा रहा है। स्थानीय स्तर पर केवल 5 प्रतिशत मटर ही बेचा जा रहा है। पिछले एक पखवाड़े से मंडी में फैक्ट्रियों को सप्लाई होने वाला मटर ही आ रहा है। अगले हफ्ते से मीठा मटर आना शुरू हो जाएगा, जो कि अप्रेल तक चलेगा।