जबलपुर उत्तर विधानसभा सीट पर साल 2018 के चुनाव में कुल 207506 मतदाता थे। इनमें से 50045 वोटर्स ने कांग्रेस के विनय सक्सेना को जिता दिया था। जबकि भाजपा प्रत्याशी शरद जैन को 49467 वोट मिले थे। हार-जीत का अंतर महज 578 वोटों का था।
बगावत के कारण हारी थी भाजपा
जबलपुर उत्तर के वर्तमान विधायक कांग्रेस से विनय सक्सेना हैं। 2018 के चुनाव में भाजपा के शरद जैन 578 वोटों से हार गए थे। शरद जैन 2018 के चुनाव के समय शिवराज सिंह चौहान में मंत्री भी थे, लेकिन हार गए थे। इसी चूनाव में भाजपा के बागी उम्मीदवार धीरज पटेरिया ने शरद जैन का खेल बिगड़ दिया था। चुनाव में धीरज पटेरिया को 29,000 वोट मिले थे। भाजपा के वोट बंटने के कारण ही कांग्रेस के विनय सक्सेना चुनाव जीत गए थे।
इससे पहले शरद जैन विधायक थे
2013 के चुनाव की बात करें तो जबलपुर की उत्तर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार शरद जैन विधायक को 74656 मतदाताओं का समर्थन मिला था और वे चुनाव जीत गए थे। जबकि कांग्रेस के नरेश सराफ को 41093 वोट मिले थे। जीत का अंतर 33563 था।
2008 में कादिर सोनी को हराया था
2008 के चुनाव में इसी सीट पर भाजपा उम्मीदवार शरद जैन ने 55449 वोट हासिल किए थे और वे विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कादिर सोनी दूसरे नंबर पर रहे। उन्हें 35423 वोटरों का ही समर्थन मिला था। वह 20026 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे।
उत्तर में कितने मतदाता
जबलपुर उत्तर विधानसभा 100% शहरी क्षेत्र वाली सीट है। इसमें कुल 210482 मतदाता हैं। पिछले चुनाव में 68.64 फीसदी वोटर्स ने वोट डाले थे। धार्मिक आधार पर देखें तो मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 27662 है। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं की संख्या 17488 है। लेकिन, इस क्षेत्र में चर्चा में पंडित और जैन खासतौर पर हैं, जो जातिगत संख्या के आधार पर चुनाव के टिकट की दावेदारी करते हैं। उत्तर मध्य विधानसभा क्षेत्र में पंडितों के वोट लगभग 35000 हैं। वहीं जैन वोटर्स की संख्या 25000 है। मतदाताओं की संख्या के आधार पर इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा बड़ी आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की है, जिनकी संख्या 70,000 के करीब है। इसमें भी यादव और साहू जाति के लोगों की संख्या ज्यादा है।
इस क्षेत्र के क्या है मुद्दे
जबलपुर का सबसे पुराना इलाका है। इसी क्षेत्र में सभी बड़े और पुराने बाजार हैं। इन बाजारों की एक सबसे बड़ी समस्या यातायात रही है। बढ़ता ट्रैफिक ग्राहकों और दुकानदारों को परेशान करता है। इस वजह से ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुंच पाते। सराफा व्यापार भी प्रभावित होता है। सर्राफा व्यापारी कई वर्षों से सड़कों के चौड़ीकरण और यातायात दुरुस्त करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन जाम के हालात अब तक नहीं सुधरे हैं। कपड़े का कारोबार भी यहां बड़े पैमाने पर होता है। सरकार का फोकस यहां के सलवार सूट उद्योग पर है। यहां के छोटे और बड़े एक लाख से ज्यादा कारोबारी जुड़े हुए थे। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार इस उद्योग को आगे बढ़ाएगी।
अभिलाष पांडे
40 साल
अखिला भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति की शुरुआत। संगठन मंत्री रहे। 2011 में युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष बने। 2014 में युवा मोर्चा के महामंत्री बने।
विनय सक्सेना
53 साल
एमकाम और एलएलबी विनय सक्सेना 2018 में कांग्रेस से विधायक बने। पूर्व मंत्री स्वराज जैन को पराजित किया। विधायक बनने से पहले वे छा बार पार्षद रह चुके हैं। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष भी बन चुके हैं।