मानसून की शुरुआत वैसे तो 15 जून से मानी जाती है। आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2011-12 में 334.2 मिली, 2013-14 में 312.2 मिली (12 इंच) बारिश हुई थी, जबकि इस वर्ष अभी तक 114.2 मिली ही बारिश हुई है। सिहोरा और मझौली तहसील म धान की बोनी सिर्फ 30 फीसद (छिटका, सीड्रिल) हो सका है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष करीब 60 फीसदी बोवनी का काम पानी नहीं गिरने से पिछड़ गया है। किसानों को जुलाई माह में जोरदार बारिश का इंतजार है।
39 हजार हेक्टेयर में बोवनी का लक्ष्य
कृषि विभाग ने इस वर्ष सिहोरा-मझौली तहसील में 39 हजार हेक्टेयर में धान की बोवनी का लक्ष्य रखा है। इसमें मझौली तहसील में 22 हजार हेक्टेयर और सिहोरा तहसील में 18 हजार हेक्टयेर रकबा शामिल है। कृषि विभाग के मुताबिक जून में बारिश नहीं होने से धान की बोवनी करीब 20 से 25 दिन पिछड़ गई है। जुलाई के पहले सप्ताह में अब तक बारिश नहीके पहले हफ्ते में अब तक झमाझम बारिश नहीं होने का असर धान के उत्पादन पर पड़ सकता है।
जून माह व सीजन में कुल बारिश (मिमी में)
वर्ष : जून में बारिश : कुल बारिश
2014-15 : 60.0 : 1422.6
2015-16 : 141.2 : 559.6
2016-17 : 74.8 : 926.6
2017-18 : 210.4 : 745.8
2018-19 : 150.4 : —
( नोट : वर्ष 2018-19 में 150.4 मिमी बारिश 15 जून से 9 जुलाई तक की है।)
जोरदार बारिश जरूरी
मझौली के कृषि विस्तार अधिकारी जीपी पटेल क अनुसार जून में बारिश नहीं होने का असर धान की बोवनी पर पड़ा है। तहसील में छिटका और सीड्रिल पद्धिति से दस हजार हेक्टेयर में धान की बोवनी हुई है। रोपा के लिए अभी जोरदार बारिश होना जरूरी है।