डीन कमेटी ने किए नाम प्रस्तावित
गौरतलब है कि दीक्षांत समारोह को लेकर अभी तक मानद उपाधि पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था। विश्वविद्यालय पेरिनियम 14 के नियम के तहत स्पष्ट है कि डीन कमेटी के माध्यम से मानद उपाधि के लिए नाम प्रस्तावित किए जाएं । संकाय अध्यक्ष द्वारा तय नाम प्रस्तावित किए गए । विद्या परिषद से होकर आज कार्यपरिषद में पहुंचे जिसमें नामों को हरी झंडी प्रदान की गई। गौरतलब है कि डॉक्टर कोस्टा वर्ष 1990 में विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर भी रह चुके हैं। कार्यपरिषद की बैठक में कुलपति प्रोफेसर कपिल देव मिश्र, कुलसचिव प्रोफेसर कमलेश मिश्रा, प्रोफेसर भरत तिवारी आदि उपस्थित थे।
यहां तंखा के नाम पर हुई आपत्ति
वहीं दूसरी और विवेक तंखा के नाम पर कार्यपरिषद के कुछ सदस्यों ने आपत्ति खड़ी कर दी। उन्होंने कहा कि तंखा एक पार्टी विशेष से जुड़े हैं। कार्यपरिषद सदस्य निखिल देशकर, कांति रावत ने कहा कि गैर राजनैतिक व्यक्ति को यदि मानद उपाधि दी जाती है तो यह बेहतर होता। कुछ सदस्यों ने कहा कि तंखा ने राजनैतिक क्षेत्र से परे हटकर मानव सेवा, शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति काम कर रहें हैं एेसे में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
यहां छात्रों ने सौंपा ज्ञापन
कार्यपरिषद बैठक शुरू होने के पहले छात्रों ने राजसभा सांसद विवेक कृष्ण तंखा को मानद उपाधि से सम्मानित करने की मांग को लेकर कुलपति को ज्ञापन सौंपा छात्र लव दीप सिंह गहरवार अनुज शुक्ला शुभम पटेल पंकजेश मिश्रा आदि ने विवेक तंखा को शहर हित समाज हित छात्र को रोजगार दिलाने की दृष्टि से किए जा रहे हैं कार्यों आदि को लेकर मानद उपाधि प्रदान करने की मांग कुलपति प्रोफेसर कपिल देव मिश्र से की गई ।
– ईसी की बैठक में मानद उपाधि के लिए आए नामों की अनुसंशा की गई है। सहमति बनने के बाद इन नामों को राज्यपाल के पास विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भेज दिया गया है। डॉ.सुधीर मिश्र एवं डॉ.शिवप्रसाद कोष्टा को डॉक्टर ऑफ साइंस एवं विवेक कृष्ण तंखा को डॉक्र ऑफ लॉ की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा ।
– प्रोफेसर कपिलदेव मिश्रा, कुलपति रादुविवि
-नामों को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। सर्वसम्मिति से नामों को प्रस्तावित किया गा है। डीन कमेटी द्वारा नामों को अनुंशसा की गई थी। विद्यापरिषद में भी इसे पास कर ईसी में लाया गया।
-प्रो.कमलेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि