फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाज ने बैंक से 95 लाख रुपए का लोन ले लिया। लोन की राशि जमा न होने पर बैंक ने प्रॉपर्टी नीलाम करने का नोटिस जारी किया, तब पीडि़त को जानकारी हुई, लार्डगंज थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज
जबलपुर•Jun 05, 2019 / 12:15 pm•
santosh singh
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जबलपुर. फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाज ने बैंक से 95 लाख रुपए का लोन ले लिया। लोन की राशि जमा न होने पर बैंक ने प्रॉपर्टी नीलाम करने का नोटिस जारी किया, तब पीडि़त को जानकारी हुई। लार्डगंज पुलिस ने आरोपी सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।
पैतृक सम्पत्ति पर फर्जीवाड़ा
पुलिस के अनुसार हनुमानताल निवासी सनत कुमार जैन ने शिकायत कर बताया कि मनमोहन नगर स्थित डायवर्टेड प्लॉट क्रमांक 95 से 113 तक के 19 भूखंड की उसके पिता रूपचंद जैन ने 1967 में रजिस्ट्री कराई थी। सभी भूखंड 8480 वर्गफीट के हैं। 2006 में उसने बैंक ऑफ बड़ौदा की हबीबगंज भोपाल शाखा में बंधक रखकर ऋण प्राप्त किया, जिसका लोन हर महीने भरा जा रहा है। प्लॉट में गोदाम बने हैं।
गिरवी भूखंड पर फर्जी तरीके से पास हो गया लोन
इस सम्पत्ति पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने आठ अगस्त 2015 को गौरव देवरिया के नाम से कब्जा नोटिस चस्पा किया। पता चला कि उसने उक्त बैंक से 95 लाख रुपए का लोन लिया है। बैंक में आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। वर्ष 1967 से राजस्व दस्तावेजों में उसके पिता, बाद में उसकी मां शीलारानी जैन व भाइयों सुकमाल कुमार, महेंद्र कुमार, राजकुमार और उसके नाम पर दर्ज है। नियमानुसार एक प्रॉपर्टी बैंक में बंधक होने पर कोई दूसरा बैंक उस पर लोन नहीं दे सकता।
डीआरटी ने बैंक की कार्रवाई को बताया अवैध
बैंक ऑफ महाराष्ट इसके बाद भी नीलामी करने की प्रक्रिया चालू रखी, तो उसने हाईकोर्ट में अपील की। वहां से डीआरटी कोर्ट में भेजा गया। डीआरटी कोर्ट ने 14 मार्च 2019 को आदेश पारित कर बैंक ऑफ महाराष्ट्र की कार्रवाई को अवैध करते हुए निरस्त कर दिया। इसके बाद पुलिस ने गौरव देवरिया व अन्य के खिलाफ धारा 420, 34 भांदवि का प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया है।
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