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इटारसी। भारतीय रेलवे के महत्वपूर्ण इटारसी रेल जंक्शन पर पानी की आपूर्ति तवा नदी से होती है। मानसून कमजोर रहने से इस बार तवा बांध में पानी कम है जिसके कारण तवा नदी का जलस्तर गर्मी की शुरूआत में ही कम हो गया है। नदी के कम जलस्तर ने रेलवे के आला अफसरों की नींद उड़ा दी है क्योंकि इसका सीधा असर इटारसी जंक्शन पर संचालित होने वाले कोच वाटरिंग सिस्टम पर आएगा। इस गर्मी में रेलवे कई ट्रेनों में होने वाली कोच वाटरिंग सिस्टम पर कैंची चला सकता है।
१३ किमी बिछी है पाइप लाइन
गुर्रा स्थित इंटकवेल से रेलवे ने करीब 13 किमी लंबी पाइप लाइन बिछा रखी है। इसी पाइप लाइन से बड़ी-बड़ी मोटरों के माध्यम से बूस्टर पंप तक पानी लाया जाता है और उसका उपयोग पीने और कोच वाटरिंग जैसे अन्य कामों में होता है। इस गर्मी में इटारसी स्टेशन पर ट्रेनों में कोच वाटरिंग का
काम विवादों के घेरे में आ सकता है। उसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि नदी में जलस्तर का कम होना है। इन हालातों ने रेलवे के आला अधिकारियों को भी चिंता में डाल दिया है क्योंकि जंक्शन पर कोच वाटरिंग का दूसर विकल्प भी नहीं है।
प्रभावित होगी कोच वाटरिंग, परेशान होंगे यात्री
इटारसी जंक्शन पर करीब 120 से 130 ट्रेनों में कोच वाटरिंग का काम होता है। यह काम इस बार प्रभावित रह सकता है और कई ट्रेनों को बिना पानी भरे ही चलाने के हालात बन सकते हैं। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि भोपाल रेल मंडल के प्रबंधक शोभन चौधुरी का मानना है। डीआरएम भी गर्मी के पहले तवा बांध और तवा नदी के मौजूदा हालातों को देखते हुए चिंतित हैं। कोच वाटरिंग के काम में यदि भीषण गर्मी में दिक्कत आती है तो यहां पर रेल अधिकारियों व यात्रियों के बीच विवाद की चिंता उन्हें सता रही है।
एक नजर में इटारसी जंक्शन
स्टेशन का दर्जा- ए ग्रेड स्टेशन
ट्रेनों की संख्या- करीब २००
प्लेटफॉर्मों की संख्या-०७
प्रतिदिन यात्रियों की आवाजाही- 5 लाख यात्री
कोच वाटरिंग में खपत- 40 लाख लीटर खपत प्रतिदिन
प्लेटफॉर्म धुलाई में खपत- करीब 7 लाख लीटर प्रतिदिन
दिक्कत आएगी
इस बार मानसून कमजोर रहने से तवा नदी का जलस्तर कम है। इस गर्मी में इटारसी जंक्शन पर कोच वाटरिंग का काम प्रभावित हो सकता है। हमारे पास कोच वाटरिंग करने के लिए पानी का कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है।
शोभन चौधुरी, डीआरएम भोपाल