सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। प्रतिबंधित वस्तुओं का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही यात्रियों को इन नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए स्टेशन और ट्रेनों में घोषणाएं भी की जा रही हैं।
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ट्रेन में न ले जाएं ये चीजें
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे रेलवे परिसर और ट्रेनों में किसी भी प्रकार की खतरनाक, ज्वलनशील एवं विस्फोटक सामग्री न ले जाएं। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत आवश्यक है। जिन ज्वलनशील वस्तुओं को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें ईंधन, तेल, पेंट, आतिशबाजी, विस्फोटक पदार्थ, ज्वलनशील तरल पदार्थ जैसे केरोसिन या रसायन, संपीड़ित गैस सिलेंडर और अन्य खतरनाक वस्तुएं शामिल हैं।
जुर्माना और सजा का प्रावधान
इन वस्तुओं को ले जाना न केवल जोखिम भरा है, बल्कि रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत दंडनीय अपराध भी है। अगर कोई व्यक्ति ऐसी खतरनाक सामग्री लेकर आता है, तो उसे तीन साल तक की कैद, एक हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके अलावा, इस कारण होने वाली किसी भी प्रकार की हानि, चोट या क्षति के लिए भी वही जिम्मेदार होगा।