खबरों के मुताबिक आईटी मंत्रालय ( IT ministry ) ने अब इन सभी कंपनियों को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंधित ऐप्स की उपलब्धता और संचालन जारी रखना न केवल अवैध है, बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और अन्य लागू कानूनों के तहत अपराध भी है और इसके लिए जो गंभीर कार्रवाई की जा सकती है।
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सरकार ने इन ऐप्स पर यूजर्स का पर्सनल डेटा चुराने और इसका इस्तेमाल देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए बैन लगा दिया था । दरअसल सरकार को लगातार शिकायते मिल रही थी कि कई ऐप्स डेटा चोरी कर भारत के बाहर के सर्वर्स को ट्रांसमिट कर रहे थे। इसकी वजह से नागरिकों की गोपनीयता को नुकसान पहुंचाने वाले और देश की संप्रभुता को खतरे में डालने वाले इन ऐप्स के खिलाफ बैन लगाया गया था।