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18 सितंबर को जारी हुए अध्यादेश में कहा गया था कि वैकल्पिक धूम्रपान उपकरणों के उत्पादन, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री या विज्ञापन बनाने वालों को जेल और जुर्माना चुकाना पड़ेगा। पहली बार उल्लंघन करने वालों को एक साल तक की जेल और 1 लाख रुपए के जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। अध्यादेश के अनुसार, अगर उसके बाद भी ऐसा करते पाया जाता है तो उसे लिए तीन साल तक की जेल या 5 लाख रुपए का जुर्माना या दोनों भरना होगा।
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वहीं दूसरी ओर ई सिगरेट के स्टोरेज पर भी जुर्माना और कैद का प्रावधान किया गया है। ई-सिगरेट के भंडारण पर अब छह महीने की कैद या 50,000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है। हाल ही में डीजीएफटी, जो वाणिज्य मंत्रालय के अधीन है ने ई-सिगरेट के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।