उन्होंने कहा, भारत ने कोरोना काल में 100 देशों को कोरोना वैक्सीन सप्लाई की। 48 देशों को नि:शुल्क दिए। अब भारत लेने वाला नहीं, देने वाला है। नड्डा ने कार्यक्रम को संबोधित कर कहा, एचआइवी संक्रमितों से भेदभाव नहीं होना चाहिए, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें। 2030 तक भारत को एड्स मुक्त करने का लक्ष्य है।
2028 तक प्राप्त करेंगे लक्ष्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, हमारा प्रयास है संयुक्त राष्ट्र की थीम ‘टेक द राइट्स पाथ’ के अनुसार 2028 तक वैश्विक लक्ष्य प्राप्त करना है। मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्र का आभार मान सीएम ने कहा, इससे मेडिकल कॉलेज खोलने को गति मिली है। मप्र में एलोपैथी के साथ अन्य चिकित्सा पद्धतियों से इलाज को प्रोत्साहित कर रहे हैं।
एमपी में खोले 31 मेडिकल कॉलेज
एमपी में 31 मेडिकल कॉलेज खोले। एम्स भोपाल में रोज 5500 की ओपीडी है। 4500 सर्जरी एक साल में हुई। किडनी, हार्ट ट्रांसप्लांट हो रहे हैं। – एमपी में 14 नए मेडिकल कॉलेज भी खुल रहे हैं। पहले यहां मेडिकल कॉलेजों में 1700 सीटें थीं। अब 5200 हैं। ४०फीसदी आबादी आयुष्मान कवर्ड हैं।
एड्स को माना जाता था डेथ वारंट
1980 के दशक में कोई एचआइवी पीडि़त को छू ले तो डेथ वारंट माना जाता था। मैंने देखा है कि पिता, माता व बच्चों की मौत हो जाती थी। तब जागृति के लिए अभियान नहीं चलते थे। एचआइवी की दवा महंगी थी। भारत ने दवा बनाई और सरकार मुफ्त दे रही है। देश में 17.30 लाख के आसपास एचआइवी पॉजिटिव हैं। पीडि़त अब सामान्य संतान को जन्म दे रहे हैं। 2010 के बाद से भारत में एचआइवी मामलों में 44त्न की कमी आई है, जो वैश्विक कमी 39% से अधिक है। एड्स से होने वाली मौतों में भी 79% की गिरावट आई है। 81% एड्स पीडि़तों की पहचान कर ली गई है।