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इंदौर

#PatrikaTalk : चुनावी माहौल में स्टूडेंट्स ने बताई कैसी हो हमारी नई सरकार

#PatrikaTalk- विधानसभा चुनाव के लिए इंदौर के स्टूडेंट्स ने कहा- पढ़ाई के साथ ही हमें चाहिए जॉब, थ्योरी मिले प्रैक्टिकल नॉलेज

इंदौरOct 14, 2023 / 08:20 am

Manish Gite

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मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। राजनीतिक दलों के प्रत्याशी वोट पाने के लिए तरह-तरह के वादों के साथ मैदान में उतर रहे हैं। पहली बार मतदान करने वाले युवाओं में अलग ही उत्साह दिख रहा है। उन्हें आने वाली सरकार से बहुत अपेक्षाएं हैं, जो उन्होंने पत्रिका से साझा की। युवाओं का कहना है कि सरकार को परीक्षा परिणाम, सरकारी स्कूल में अच्छी शिक्षा, थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज, पार्ट टाइम जॉब, इंटर्नशिप सहित रोजगार को लेकर कोई योजना लाना चाहिए।

युवाओं की नींव मजबूत करें

परीक्षा के बाद रिजल्ट बहुत देर से आता है यह छात्रों के लिए सबसे बड़ी समस्या है। मौजूदा सरकार ने इसका समाधान तो कुछ हद तक किया, लेकिन वह संतोषजनक नहीं है। आने वाली सरकार से उम्मीद है कि परीक्षा के परिणामों को जल्द घोषित करवाए। इसके अलावा युवाओं की नींव मजबूत करना व ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले ऐसी योजना बनानी होगी।
– चंद्रभूषण बारोड

 

अनुभव और स्किल होगी डेवलप
आने वाली सरकारी से यही अपेक्षा है कि जो भी विद्यार्थी जिस फील्ड के लिए पढ़ाई कर रहा है, उसे इंटर्नशिप मिले और ज्यादा से ज्यादा सिखाया जाए। इससे विद्यार्थी को पढ़ने के साथ उसका अनुभव व स्किल डेवलप होगी। कई लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती है, ऐसे में सरकार कोई ऐसी योजना लाएं, ताकि पढ़ाई के साथ पार्ट टाइम जॉब कर सकें।
– ऋषिका निमावत

 

स्कॉलरशिप समय पर मिले
देश के लिए युवा वर्तमान और भविष्य है। इनके लिए ज्यादा से ज्यादा योजनाएं लानी होंगी। सरकारी स्कूलों में अच्छी सुविधा हो। कॉलेज में भी क्लासेस समय से लगे व विद्यार्थियों की काउंसलिंग ठीक से होनी चाहिए। मेधावी छात्रों को स्काॅलरशिप समय से मिले, जनरल कैटेगरी के लोग आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है, सरकार उनके बारे में भी सोचें।
– स्वर्णिका भाटी

 

प्रैक्टिकल नहीं होने से समस्याएं
थ्योरी के ज्ञान के साथ प्रैक्टिकल करने की भी सुविधा होनी चाहिए। थ्योरी तो कॉलेज के प्रोफेसर किताबों से पढ़ा देते हैं। गूगल में भी कई चीजें मिल जाती हैं, लेकिन प्रैक्टिकल नहीं होने से कई सारी समस्याएं आती हैं। स्काॅलरशिप भी बहुत देर से आती है। कई सारे डाॅक्यूमेंट लगते हैं, उसके लिए सरकार को शाॅर्ट प्रोसेस करनी चाहिए।
– नंदनी कौरव

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