पिछले एक साल से सुखनिवास पैलेस का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसमें पुरानी शैली के संगमरमर लगाकर दोबारा संवार दिया गया है। अभी आम लोग यहां नहीं आ सकते पर जल्द ही इसे जन सामान्य के लिए खोल दिया जाएगा। लोग यहां लाइट और लेजर से जुड़े नए प्रयोग भी देख सकेंगे।
सुखनिवास पैलेस में प्रशासनिक संकुल बनाया गया है। इसके साथ ही यहां लैब और लाइब्रेरी सहित डायरेक्टर का ऑफिस भी लैब बनाया है। पिछले कुछ सालों से यहां म्यूजियम बनाने की कवायद चल रही थी जोकि कोविड के कारण रुकी रही।
इतिहास में दर्ज जानकारी के अनुसार सुखनिवास पैलेस का निर्माण तुकोजीराव होलकर (द्वितीय) के बेटे शिवाजीराव होलकर ने करवाया था। भमोरी तालाब के किनारे 1883 में इसे बनाया गया जिसका उपयोग राजा-महाराजाओं द्वारा पिकनिक के उद्देश्य से किया जाता रहा। जीर्णोद्धार के बाद इसे आमजन के लिए खोला जा रहा है। सप्ताह में इसे दो दिन के लिए खोला जाएगा.
यह पैलेस पहले सफेद रंग का था, इसे पीला रंग का कर दिया गया – एक तरह से महल के कुछ हिस्सों का पुनर्निर्माण भी किया गया। पुराने समय के अनुसार निर्माण में चूना और गुड़ के साथ दाल आदि का मिश्रण का उपयोग किया गया। यह पैलेस पहले सफेद रंग का था, इसे पीला रंग का कर दिया गया है। इसके दरवाजे और खिड़की भूरे रंग में रखे गए हैं। पैलेस में पुरानी शैली में नई फिटिंग की गई है. दरवाजे-खिड़की की कुंडियां पुरानी शैली की तरह लगाई गईं हैं।