ऐसे शुरू हुई कहानी
एडवोकेट लोकेश मंगल ने यह काम 14 अप्रैल 2024 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर शुरू किया था। लोकेश ने संविधान के सभी प्रमुख अनुच्छेदों, प्रावधानों और मूल अधिकारों को पीतल की 48 गेज की शीट्स पर लेजर तकनीक का उपयोग करते हुए उकेरा। इस किताब को तैयार करने में महीनों की मेहनत और 299 घंटे की लेजर प्रिंटिंग का समय लगा। इस किताब में संविधान की सामग्री के अलावा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के चित्र, विश्व के 193 देशों के प्रतीक चिन्ह, भारतीय रियासतों का नक्शा और लोकसभा व राज्यसभा की प्रक्रियाओं का उल्लेख भी किया गया है। यह पुस्तक संविधान की सामग्री को हिंदी, संस्कृत और मराठी भाषा में प्रस्तुत करती है। ये भी पढ़े- डॉग बाइट की वीभत्स घटना, 7 साल के बच्चे को 18 जगह काटा आए 107 टांके जनसहयोग से पूरा किया कार्य
पीतल से बने इस अनोखे संविधान लोकेश ने पूरी तरह से जनसहयोग से पूरा किया। इसमें आम नागरिकों के साथ-साथ वकीलों, प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं का भी योगदान रहा। उन्होंने इसे “संविधान से देश” पहल के तहत तैयार किया, जिसका उद्देश्य संविधान के प्रति लोगों को जागरूक करना और लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देना है। बता दें कि, लोकेश मंगल की कारीगरी पहले भी चर्चा में रही है। उन्होंने 2023 में 193 देशों के संविधानों की 57 किलो की किताब और भारतीय संविधान सभा का पीतल से बना मॉडल तैयार किया था। उनके द्वारा बनाए गए कृतियों को न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली है।