प्रदेश में भाजपा के 62 जिलों में से 60 में अध्यक्ष की नियुक्ति हो गई है। अब केवल इंदौर ही बाकी है। इंदौर भाजपा नगर व ग्रामीण अध्यक्ष को लेकर पार्टी ने पिछले दिनों रायशुमारी कराई। उसके अनुसार जिले में अंतर दयाल और शहर में सुमित मिश्रा को अन्य दावेदारों से अधिक पसंद किया गया।
इधर, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय जिले में चिंटू वर्मा को दूसरी बार अध्यक्ष बनाने पर अड़े हैं तो नगर अध्यक्ष पद के लिए टीनू जैन पर जोर दे रहे हैं, जबकि उनकी बाकी टीम का फोकस सुमित मिश्रा पर है।
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विजयवर्गीय की पसंद से नियुक्ति होती है तो रायशुमारी की धज्जियां उड़ जाएगी। ऐसी स्थिति में बवाल भी हो सकता है, जिससे प्रदेश संगठन की छवि राष्ट्रीय स्तर पर खराब हो सकती है।
इसके चलते सुलह की कमान अब हितानंद ने संभाली है। इंदौर नगर और ग्रामीण अध्यक्ष की गुत्थी सुलझाने के लिए हितानंद ने इंदौर के सभी विधायकों से बात कर मंशा जानने का प्रयास किया है। उन्होंने जिले के सभी नौ विधायकों से फोन पर पूछा कि वे क्या चाहते हैं। माना जा रहा है कि विधायकों की राय के बाद प्रदेश संगठन दोनों अध्यक्षों की घोषणा कर सकता है।
नगर से हाथ धोना पड़ेगा
इंदौर में ऐसे व्यक्ति को अध्यक्ष बनाया जाएगा, जो जमीनी कार्यकर्ता होने के साथ विभिन्न पदों पर रहा हो। संदेश दिया जाएगा कि पार्टी आम कार्यकर्ताओं की चिंता करती है। सूत्रों का कहना है, विजयवर्गीय चिंटू के नाम पर अड़े हैं। ऐसे में नगर से उन्हें हाथ धोना पड़ेगा। मिश्रा से नाराजगी विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय की है।