मध्य प्रदेश मौसम विभाग का कहना है कि, पिछली साल के मानसून की आमद पर गौर करें तो 12 जून को इसने प्रदेश में एंट्री कर ली थी। वहीं, मई के अंत तक प्रदेश में प्री-मानसून गतिविधियां शुरु हो गई थी। लेकिन, इस बार प्रदेश में अबतक मानसूनी हलचल नजर नहीं आई है। मौजूदा स्थिथियों पर गौर करें तो 5 जून तक तो प्रदेश के अधिकतर इलाकों में मौसम साफ रहेगा, इसके बाद ही प्री-मानसून गतिविधि सक्रीय होगी। इसी आधार पर मौसम विभाग का मानना है कि, इस बार प्रदेश में मानसून अपने निर्धारित समय से 5 दिन लेट सक्रीय होने वाला है।
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प्री-मानसून पर अपडेट
मध्यप्रदेश के लिए प्री-मानसून को लेकर अच्छे संकेत नहीं हैं। मौसम विभाग की मानें तो इस बार प्रदेश के अधिकतर इलाकों में प्री-मानसून की बारिश नहीं होगी। अब तक जबलपुर, सागर, रीवा, ग्वालियर और चंबल में रिमझिम बारिश हुई थी। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि पश्चिम से हवाएं अभी नहीं आ रही हैं। यह अभी अफगानिस्तान में हैं। प्री-मानसून छत्तीसगढ़ समेत पूर्वोत्तर राज्यों में रुख कर गया है। यहां अच्छी बारिश हो रही है, लेकिन मध्य प्रदेश में इसका असर फिलहाल नहीं दिख रहा। प्रदेश में अगले तीन दिन कहीं भी बारिश नहीं है। इससे उमस परेशान कर सकती है।
इंदौर-भोपाल में बादल साफ
मौसम विज्ञानिक पीके साहा के अनुसार, अबतक प्री-मानसून की बारिश ग्वालियर-चंबल, जबलपुर, सागर और रीवा संभागों में ही हुई है। इधर, इंदौर-भोपाल, उज्जैन समेत पश्चिमी मध्य प्रदेश में प्री-मानसून की बौछारें नहीं पड़ी। भोपाल और इंदौर में सिर्फ एक-एक दिन ही हल्की बूंदाबांदी हुई। इसके अलावा कुछ बादल जरूर रहे, लेकिन राहत नहीं मिली।
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