ये है पूरा मामला
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह की पहल पर इंदौर शहर में भिक्षुओं के पुनर्वास के लिए विभिन्न वेलफेयर सोसायटियां काम कर रही हैं जो शहर के बेसहारा लोगों को ढूंढकर उनके परिवार का पता लगाती हैं और उन्हें फिर उनकी काउंसलिंग कर उन्हें परिवार के साथ जिंदगी गुजारने के लिए तैयार करती हैं। ऐसी ही एक संस्था है परम पूज्य रक्षक आदिनाथ वेलफेयर एंड एजुकेशन सोसायटी। सोसायटी के सदस्यों ने इंदौर शहर के अलग अलग इलाकों से कई ऐसे बेसहारा लोगों को ढूंढा है जो कि भीख मांगकर अपना जीवन बसर कर रहे थे। इन लोगों को पंजाब अरोड़वंशी धर्मशाला में लगे शिविर में रखा गया है। इन्हीं लोगों में से एक हैं रमेश यादव। रमेश यादव को इंदौर के वायर चौराहा स्थित कालका माता मंदिर के पास से सोसायटी के सदस्य लेकर आए थे। पूछताछ में रमेश ने बताया कि उन्होंने शादी नहीं की है लेकिन परिवार में भाई-भतीजे हैं और जब टीम के सदस्य उनके घर पहुंचे तो उन्हें यकीन नहीं हुआ। दरअसल जो रमेश मंदिर के बाहर भीख मांगकर अपना गुजर बसर कर रहे थे वो करोड़पति हैं। उनके नाम पर बंगला और प्लॉट है जिसकी कीमत करोड़ों रुपए है इतना ही नहीं जब टीम के सदस्यों ने घर में उनके कमरे का इंटीरियर देखा तो पाया कि
लाखों रुपए का इंटीरियर कमरे में है।
सड़क पर लाई शराब की लत
रमेश के परिजन ने सोसायटी के सदस्यों को बताया कि रमेश को शराब पीने की लत है और इसी लत को पूरा करने के लिए वो भीख मांगने लगे। परिवार के सदस्य शराब की लत छूट जाने पर फिर से उन्हें अपने साथ रखने और उनका पूरा ध्यान रखने के लिए तैयार हैं। वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों का कहना है कि पहले जब वो रमेश यादव को साथ लेकर आए थे तो वो वॉलेंटियर्स से भी शराब की मांग करते थे लेकिन काउंसलिंग के बाद अब उन्होंने शराब मांगना कम कर दिया है। काउंसलिंग जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही शराब की लत छूट जाने के बाद रमेश को घर भेजा जाएगा और वो परिवार के साथ फिर से जिंदगी बिता पाएंगे।
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