राजनीतिक जानकार इसकी मुख्य वजह अक्षय कांति बम को मानते हैं। कांग्रेस ने बम को इंदौर से प्रत्याशी बनाया था, जिन्होंने चुनाव से ऐन पहले नामांकन वापस लेकर भाजपा में एंट्री की। उन्हें भाजपा में शामिल कराने का श्रेय मंत्री विजयवर्गीय को जाता है।
सिंधिया खेमे से मंत्री की सीट पर भी वोटिंग में गिरावट
उधर, बम को टिकट दिलाने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के प्रभाव वाली राऊ विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनावों के मुकाबले 9.72 व 15.29% वोटिंग गिरी तो सिंधिया खेमे से मंत्री तुलसी सिलावट की सांवेर सीट पर विधानसभा चुनाव 2023 के मुकाबले 15.16% कम वोट पड़े। यह सरकार में किसी मौजूदा मंत्री के प्रभाव वाली सीट पर सबसे बड़ी गिरावट है। सिलावट की सीट पर पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले भी 12.94% की गिरावट आई है। सीएम, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, मंत्री चेतन काश्यप, इंदर सिंह परमार और पत्नी को चुनाव लड़ाने वाले मंत्री नागर सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की सीट पर भी पिछले दो चुनावों के मुकाबले कम वोट पड़े।