धन, संपत्ति और वाहन लेने का शुभ अवसर
पं. गुलशन अग्रवाल के अनुसार, पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि देव होते हैं, लेकिन गुरु बृहस्पति को इसका अधिष्ठाता देवता माना जाता है। जब चंद्रमा अपनी दैनिक गति से अपनी कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो कर्क राशि में 3 अंश 40 कला से 16 अंश 40 कला तक पुष्य नक्षत्र का विस्तार होता है। नक्षत्रों का राजा 27 नक्षत्रों के क्रम में 8वें स्थान पर आता है। यह नक्षत्र हर दृष्टि से संपन्नता, आर्थिक लाभ और घर में खुशियों भर देने वाला माना जाता है। इस योग में खासकर नूतन गृह प्रवेश, नवीन बहीखाता लेखन, धन संचय, प्रॉपर्टी और वाहन की खरीदी तथा आभूषण खरीदी के लिए अति शुभ फल देने वाला होता है।
पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई चीजें लंबी चलेंगी
पं. अग्रवाल ने बताया, पुष्य नक्षत्र स्थायी होता है। इस नक्षत्र में खरीदी की गई कोई भी वस्तु लंबे समय तक उपयोगी रहती है, जो भविष्य में शुभ फल प्रदान करती है। पुष्य नक्षत्र पर बृहस्पति (गुरु), शनि और चंद्र का प्रभाव होता है। इसलिए सोना, चांदी, लोहा, बही खाता, परिधान, उपयोगी वस्तुएं खरीदना शुभ होता है। इसी के साथ ही बड़े निवेश करना इस नक्षत्र में अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इस नक्षत्र के देवता बृहस्पति हैं, जिसका कारक सोना है। स्वामी शनि लोहा और चंद्र का प्रभाव रहता है, इसलिए चांदी खरीदते हैं। स्वर्ण, लोहा या वाहन और चांदी की वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं।
पूरे दिन रहेगा मुहूर्त, खूब होगी खरीदी
इस बार गुरु-पुष्य नक्षत्र का योग अति शुभ माना जा रहा है, क्योंकि इसी दिन अमृत योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। 24 अक्टूबर को पूरे दिन अमृत सिद्धि योग होने से पूरे दिन खरीदी के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा। इस दिन गुरुवार प्रात: 6.16 मिनट से पुष्य नक्षत्र लगेगा जो दूसरे दिन प्रात: 7.40 मिनट तक रहेगा। इसी दिन साध्य योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। साथ ही श्री राधा रानी की जयंती का भी योग इसी दिन है।यह है शुभ मुहूर्त (shubh muhurat)
प्रात: 6.28 मिनट से 7.53 मिनट तक (शुभ)
प्रात: 10.43 मि. से दोपहर 12.08 मि. तक (चर)
दोप. 12.09 मि. से 1.33 मि. तक (लाभ)
दोप. 4.23 मि. से शाम 5.48 मि. तक (शुभ)
शाम: 5.49 मि. से 7.23 मि. तक (अमृत)
शाम: 7.24 मि. से रात 8.58 मि. तक (चर)
रात 12.08 मि. से 1.43 मि. तक (लाभ)
विशेष : प्रात: 11.44 मि. से दोप. 12.32 मि. तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा