इस तरह चल रहा शोध
1 सबसे पहले एंटीबॉडी टेस्ट इन 25 मरीजों में से सभी का पहले एंटीबॉडी टेस्ट करवाया गया। आशंका थी कि इन मरीजों को पहले सामान्य लक्षण या लक्षण न आने के कारण संक्रमण का पता न चल पाया हो। इस टेस्ट में 50 प्रतिशत ऐसे निकले जिनमें एंटीबॉडी बन चुकी थी।लिए थे।
राहत: 3850 इंजेक्शन आए, 1350 निजी अस्पतालों को भेजे
प्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए एंटी फंगल इंजेक्शन की कमी में कुछ राहत मिल सकती है। रविवार को भोपाल 3850 एंटी फंगल इंजेक्शन आए। इनमें से 1350 निजी अस्पतालों को भेज दिए गए हैं, जबकि बाकी 2500 इंजेक्शन सरकारी अस्पतालों में भेजे गए हैं। यह इंजेक्शन मरीजों को अस्पताल के जरिए ही मिलेंगे। ब्लैक फंगस के प्रदेश में करीब 1100 मरीज भर्ती हैं। इनमें लगभग 6०त्न सरकारी अस्पतालों और 40 फीसदी निजी अस्पताल में हैं। मौजूदा मरीजों के अनुपात में प्रति मरीज 3 इंजेक्शन उपलब्ध हो गए हैं। अभी तक ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की भारी किल्लत थी। इसके अलावा अभी इंजेक्शन की और खेप आना है। इससे जल्द ही इंजेक्शन की कमी दूर हो सकती है।
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सर्जरी को लेकर मरीज भयभीत
सागर में ब्लैक फंगस के शिकार दो मरीजों की आंख निकाले जाने को लेकर अब दूसरे मरीजों में सर्जरी को लेकर डर बैठ गया है। छह मरीज ऐसे हैं, जिनकी सर्जरी करनी पड़ सकती है। मरीज इसके लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। डॉक्टरों ने इन मरीजों की काउंसिलिंग शुरू की है। वर्तमान में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के ३२ मरीज भर्ती हैं। पर्याप्त मात्रा में एंटी फंगल इंजेक्शन नहीं मिलने से इनकी हालत बिगड़ रही है। मरीज को एक दिन में छह इंजेक्शन लगाना जरूरी है, लेकिन मरीज को एक दिन में एक इंजेक्शन ही लग रहा है।