सेबी अफसर को बुलाकर समझी एडवाइजरी कंपनियों की कार्यप्रणाली
ब्लैक लिस्टेड कंपनियों की भी होगी जांच, राजस्थान के व्यक्ति ने की 22 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत
सेबी अफसर को बुलाकर समझी एडवाइजरी कंपनियों की कार्यप्रणाली
इंदौर. एडवाइजरी कंपनियों के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच पुलिस अफसरों ने सेबी अफसर को बुलाकर कंपनियों की कार्यप्रणाली समझी। पंजीकृत कंपनियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि वे शर्तों का पालन करते हुए सिर्फ निवेश के लिए सुझाव दें, खुद अपने खाते में राशि न जमा करवाएं।
एएसपी राजेश दंडोतिया व सेबी अफसर निर्मल मेहरोत्रा के बीच हुई बैठक में एडवाइजरी कंपनियों पर कार्रवाई की बात हुई। सेबी अफसर ने बताया कि शिकायतों के कारण 22 कंपनियों को ब्लैक लिस्टेड किया है, अन्य कंपनियोंं की भी जांच की जा रही है। जो कंपनियां रजिस्टर्ड नहीं है उनकी शिकायतें मिली है जिसकी जानकारी पुलिस को दी है। सेबी ने स्पष्ट कर दिया है कि कंपनियोंं का पंजीयन निवेशकों को सिर्फ सुझाव देने की शर्त पर किया गया है। कंपनियां इसका गलत फायदा उठाकर अपने खातों में लोगों से राशि जमा करवाकर हजम कर जाती है जो गलत है। सभी पंजीकृत कंपनियों को शर्तों के अनुसार काम करने के लिए सख्त रूप से निर्देशित किया है। शिकायतों पर कार्रवाई के लिए सेबी अफसर ने पुलिस की मदद करने का भी वादा किया।
एएसपी दंडोतिया के मुताबिक, सोमवार को राजस्थान से आए सुधांशु पांडे ने सम्राट प्रा. लि. एडवाइजरी कंपनी को लेकर शिकायत की। सुधांशु ने बताया कि नवंबर 2018 में कंपनी के प्रतिनिधि ने फोन कर निवेश का झांसा दिया। शुरुआत में उन्होंने छह लाख रुपए निवेश किए। बाद में उन्हें दोगुना लाभ का झांसा देकर कुल 22 लाख रुपए जमा करवा लिए और फिर घाटा होने का बहाना किया गया। शिकायत लेकर पुलिस जांच कर रही है।
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