मप्र को होगा लाभ
रेल लाइन से सबसे ज्यादा मप्र को लाभ मिलेगा। 309 किमी में 170.56 किमी का हिस्सा मप्र का है। इसमें प्रदेश की 905 हेक्टेयर जमीन निजी है। प्रदेश में बनने वाले 18 स्टेशन में से एक महू, कैलोद, कमदपुर, झाड़ी बरोदा, सराय तालाब, नीमगढ़, चिक्तयाबड़, ग्यासपुरखेड़ी, कोठड़ा, जरवाह, अजंदी, बघाड़ी, कुसमारी, जुलवानिया, सली कलां, वनिहार, बवादड़ और मालवा स्टेशन हैं।बजट में मिली थी राशि, अब मिलेगी ज्यादा
इंदौर-मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट की कवायद वर्षों से चल रही है। 2022 में इसके लिए अनुमति नहीं मिली। 2023 में टोकन राशि 2 करोड़ रुपए मिली थी। मप्र के हिस्से में डीपीआर-सर्वे का काम किया गया। काम जारी रखने के लिए 2024 के बजट में एक हजार रुपए टोकन राशि दी गई थी। अब 18 हजार 36 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है। यह राशि आने वाले बजट में मिलेगी।महू के इन गांवों का जमीन अधिग्रहण
खेड़ी(इस्तमुरार), चेनपुरा, कामदपुर, खुदालपुरा, कुराड़ाखेड़ी, अहिल्यापुर, नांदेड़, जामली, केलोद, बेरछा, खेड़ी, गवली पलास्या, आशापुर, मलेंडी, कोदरिया, बोरखेड़ी, चोरड़िया, न्यू गुराड़िया, महू कैंट (डॉ. आंबेडकर नगर)।ये भी जानिए
5 पहले पहुंचेंगे मुंबई18 स्टेशन बनेंगे
905 हेक्टेयर मप्र की भूमि होगी अधिग्रहित
मध्यप्रदेश पर एक नजर
रेलवे ट्रैक – 170 किमीस्टेशन – 18 (एक पुराना)
जिले – बड़वानी, खरगोन, धार व इंदौर
जमीन की आवश्यकता – 905 हेक्टेयर
टनल की लंबाई – 17.7 किमी
ब्रिज – 4 (नर्मदा, देव, गोई व चंबल)
रेलवे ओवर ब्रिज – 35 रेलवे अंडर ब्रिज – 62
रेल गोदाम – 4 (इंदौर के कैलोद व धार के ग्यासपुर खेड़ी)