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इंदौर

एक साल से यहां बनकर तैयार खड़े हैं रेलवे के 78 कोविड कोच, ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती हो सकेंगे 1400 से अधिक मरीज

ये है चिराग तले अंधेरे की सटीक मिसाल : पिछले एक साल से इंदौर में रेलवे के 78 कोविड कोच बनकर तैयार खड़े हैं। ऑक्सीजन के साथ हर डब्बे में 18 मरीज भर्ती कये जा सकते हैं। इस हिसाब से 78 कोचों में 1404 मरीजों को बेहतर व्यवस्थाओं के साथ आइसोलेट किया जा सकता है।

इंदौरApr 25, 2021 / 12:23 pm

Faiz

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एक साल से यहां बनकर तैयार खड़े हैं रेलवे के 78 कोविड कोच, ऑक्सीजन सपोर्ट पर भर्ती हो सकेंगे 1400 से अधिक मरीज

इंदौर/ मध्य प्रदेश की आर्थिक नगरी इंदौर में कोरोनावायरस तांडव मचा रहा है। आलम ये है कि, शहर में कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पतालों और आइसोलेशन सेंटर्स में पलंग तक नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा चर्चा कर पश्चिम रेलवे ने पिछले साल ही कुछ ट्रेनों के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करके रखा गया है। शहर में अब भी ये सभी कोच बाहिफाजत खड़े हैं। लेकिन, हैरानी इस बात की है कि, बिस्तरों और ऑक्सीजन की इतनी मारामारी के चलते कई लोग खासा परेशान हो रहे हैं, तो कुछ लोग जान तक गवा रहे हैं। ऐसे हालात में यहां खड़ी इन बोगियों में से अब तक एक भी इस्तेमाल में नहीं की गई। इसे चिराग तले अंधेरा कहा जाए, तो गलत नहीं होगा।

बता दें कि, रेलवे की ओर से 2020 में महामारी की स्थितियां विकट होने के हालात में इन बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करके रख लिया था। लेकिन, इनपर करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अब तक इस विकट परिस्थिति के बीच ये सिर्फ यहां खड़े धूल खा रहे हैं। हालांकि, पश्चिम रेलवे की ओर से कई बार जिला प्रशासन और राज्य सरकार को इन धूल खा रहे डिब्बों को इस्तेमाल करने की याद दिला चुका है, बावजूद इसके अब तक लेकिन शायद इन तैयार कोविड मरीजों के लिए यह तैयार रेलवे कोच किसी आदेश के इंतजार में खड़े हुए हैं।

इंदौर में रेलवे ने यहां 78 कोच आइसोलेशन यानी लगभग चार रैक 24 कोच के लिए बना दिए। हर कोच में 18 मरीजों को भर्ती किये जाने की व्यवस्था है। इस हिसाब से अंदाजा लगाएं, तो 78 कोचों में 1404 मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की जा सकती है। लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन द्वारा आज तक एक भी आइसोलेशन कोच का उपयोग नहीं किया गया। यह कोच जब से तैयार किए गए, तभी से रेलवे के लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन और पलया स्टेशन पर खड़े हैं, ताकि जरूरत के समय इस्तेमाल में आ सकें। रेलवे की ओर से उसी समय इन्हें तैयार कर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सौंप दिया था।

 

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इतनी विकट परिस्थितियों के बावजूद प्रशासनिक रवैय्या उदासीन- रेलवे

रेलवे के मुताबिक, जिले में इतनी विकट स्थितियां होने के बावजूद जिला प्रशासन का अब तक उदासीन रवैया रेलवे की भी समझ से परे है। इंदौर में कोरोना तेजी सेे अपने पैर पसार रहा है। फिर भी जिला प्रशासन द्वारा अब तक किसी तरह से रेलवे द्वारा बनाए गए कोच का उपयोग नहीं लिया गया। वहीं रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि हमें जैसे निर्देश थे, उसी के अनुसार समय पर हमने आइसोलेशन वार्ड तैयार करके जिला प्रशासन को सौंप दिये थे। स्वास्थ्य विभाग को ऑफिशियल हैंडओवर भी कर दिए। लेकिन अब तक जिला प्रशासन की ओर से हमसे आइसोलेशन पहुंचकर मांग नहीं की है।

 

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