दोनों दोस्तों ने मिलकर जमापूंजी इकट्ठा की। लोन की राशि के डेढ़ लाख रुपए मिलाए। 3.25 लाख जुटाकर 3 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे। अब जरूरतमंदों के घरों पर निःशुल्क पहुंचा रहे हैं।
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बन गए पीड़ितों के हमदर्द
यह अनूठी मिसाल पेश की है, कुंअर मंडली निवासी सुशील शर्मा और ब्रजेश सादानी ने। ब्रजेश के दादाजी को अप्रेल की शुरुआत में कोरोना हो गया था। उन्हें अस्पताल में बमुश्किल बिस्तर तो मिल गया, लेकिन ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी।
कई जगह भटकने के बाद विकल्प के तौर पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदकर अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था की। दादाजी की बीमारी से उन्हें लोगों का दर्द समझ आया। इसके बाद उन्होंने पीड़ितों का हमदर्द बनने के प्रयास शुरू किए।
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लोन की रकम से लाए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
ब्रजेश के पास कुछ पैसे थे। वहीं, सुशील का मांगलिया में बन रहे मकान के लिए लोन की रकम आई थी। उन्होंने मकान का काम बंद करवाया और पैसा मिलाकर उनसे 10 लीटर के दो और 5 लीटर का एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे। तीनों ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जरूरतमंद लोगों को उपलब्ध कराए। 15 दिनों में तकरीबन 30 लोगों को ऑक्सीजन की मदद कर चुके हैं।
सूचना मिलते ही पहुंचते हैं मदद करने
ब्रजेश और सुशील दादाजी के लिए जो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लाए थे, उसे उन्होंने उसी अस्पताल में जरूरतमंद मरीजों के लिए लगा रखा है। अस्पताल में आने वाले मरीज इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। कोरोना का इलाज कर रहे लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर उनके परिजन जैसे ही संपर्क करते हैं, दोनों ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था में जुट जाते हैं। घर पहुंचाकर उन्हें कैसे इस्तेमाल करना है, ये भी बताते हैं।