scriptWhat is GDP: क्या होती है GDP, इसके गिरने से आम आदमी पर क्या प्रभाव होगा? | What is GDP, what will be the impact on the common man due to its fall | Patrika News
हॉट ऑन वेब

What is GDP: क्या होती है GDP, इसके गिरने से आम आदमी पर क्या प्रभाव होगा?

GDP का मतलब ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (Gross Domestic Products) है। इसकी मदद से हर देश की आर्थिक (Indian Economy) सेहत को मापा जाता है।
अभी हाल ही में सरकारी संस्था केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी CSO ने GDP के आंकड़े जारी किए हैं। जिसके अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल-जून के दौरान अथर्व्यवस्था (Indian Economy) में 23.9 % की अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट आयी है।

 

Sep 01, 2020 / 06:30 pm

Vivhav Shukla

what_is_gdp.jpg

Gross Domestic Products

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus pandemic) ने पुरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। हर देश में इसका प्रकोप फैला हुआ है। इस वायरस की वजह से 9 लाख के करीब लोग अपनी जान गवा चुके हैं। इसके साथ ही इस महामारी ने लगभग सभी देशों की GDP को भी झंकझोर कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनल तक बस इसी मुददे को लेकर बहस हो रही है। इस पूरी बात को समझने के लिए ये समझना बेहर जरूरी है कि GDP होती क्या है? और इसके गिरने से आमजन पर कैसे असर पड़ता है।

क्या होती है GDP?

GDP का मतलब ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (Gross Domestic Products) है। इसकी मदद से हर देश की आर्थिक (Indian Economy) सेहत को मापा जाता है। मतलब ये है कि एक वित्तवर्ष के दौरान किसी भी देश ने कितनी रकम का उत्पाद और सेवाएं तैयार किया है। आसान भाषा में समझाने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। इसके लिए हम 2015 को आधार वर्ष मान लेने है। अब 2011 में हमारे देश में 1000 रुपये मूल्य की 300 वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन हुआ, तो हमारी कुल GDP 3 लाख रुपये हो गई। वहीं, 5 साल बाद 2016 में कुल 200 वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन हुआ, लेकिन तब तक उनका मूल्य 1500 रुपये हो चुका था, तो सामान्य GDP तीन लाख रुपये की ही रही, लेकिन आधार वर्ष के हिसाब से देखे जाने पर इसकी कीमत 1000 रुपये के हिसाब से सिर्फ दो लाख रुपये रह गई, इसलिए GDP में गिरावट दर्ज की जाएगी। वहीं अगर वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन कम हो जाता तो GDP में भारी गिरावट हो जाती।

23.9 % की बड़ी तिमाही गिरावट

अभी हाल ही में सरकारी संस्था केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी CSO ने GDP के आंकड़े जारी किए हैं। जिसके अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल-जून के दौरान अथर्व्यवस्था (Indian Economy) में 23.9 % की अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट आयी है। भारत में GDP का आकलन हर तिमाही में किया जाता है, यानी अप्रैल से मार्च तक चलने वाले किसी भी वित्तवर्ष के दौरान कुल चार तिमाहियों (अप्रैल-जून, जुलाई-सितंबर, अक्टूबर-दिसंबर, जनवरी-मार्च) में इसका आकलन किया जाता है।

देश में GDP का आकलन एग्रीकल्चर, इंडस्ट्री और सर्विसेज़ यानी सेवा तीन प्रमुख घटक हैं जिनमें उत्पादन बढ़ने या घटने के औसत आधार पर जीडीपी दर तय होती है। इन्हीं आंकड़ों क देखकर देश की आर्थिक तरक्की का अंदाजा लगाया जाता है। यानी GDP का आंकड़ा बढ़ा है तो आर्थिक विकास दर बढ़ी है। वहीं ये आंकड़ा घटा तो आर्थिक विकास की दर घटी है।

GDP के गिरने से आम आदमी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

GDP के गिरने से प्रति व्यक्ति की औसत आमदनी कम हो जाएगी। सरल भाषा कहे तो यदि सालाना GDP दर 5 से गिरकर 4 फीसदी होती है तो प्रति माह आमदनी 105 रुपये कम हो जाएगी। ऐसे में एक व्यक्ति को सालाना 1260 रुपये कम मिलेंगे। GDP के गिरने का प्रभाव रोजगार के क्षेत्र में भी देखने को मिल सकता है।

 

Hindi News / Hot On Web / What is GDP: क्या होती है GDP, इसके गिरने से आम आदमी पर क्या प्रभाव होगा?

ट्रेंडिंग वीडियो