नीलाम हो चुकी हैं बापू की ये निशानियां
राष्ट्रपिता (Father of Nation) महात्मा गांधी की मौत के बाद उनकी निशानियां ब्रिटेन चली गई। और ब्रिटेन में उनके समानों की नीलामी (Auction) हुई थीं। भारत (India) ने बापू की निशानियों को नीलाम होने से बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन नाकामी हाथ लगी। इसके बाद से बापू के खून के नमूने, से लेकर शॉल, चप्पल, चावल का कटोरा, वसीयत और पॉवर ऑफ अटॉर्नी जैसी चीजों की नीलामी की गई जिससे 2 करोड़ 51 लाख 64 हजार रुपये यानी (तीन लाख पौंड) इकठ्ठा किये गए।
गांधीजी की वसीयत को 46,13,400 रुपये (55 हजार पौंड) में नीलाम किया गया था। लोगों को इससे भी कहीं ज्यादा में बिकने की उम्मीद लगाई गई थी।
बापू के खून के नमूने तक की नीलामी हुई थी। जिसका नमूना 1924 में मुंबई के एक अस्पताल में लिया गया था। मुंबई के इस अस्पताल में बापू का अपेंडिक्स का ऑपरेशन हुआ था। उनके इस खून की नीलामी से केवल 5,87,000 रुपये (7,000 पौंड) मिले थे।
बापू की वर्ष 1943 में लिखी गई एक चिट्ठी ने नीलामी में विश्व रिकार्ड (Auction World Record) बनाया था. वह चिट्ठी एक लाख 15 हजार पौंड में नीलाम हुई थी।
खून से सनी मिट्टी और घास (Soil And Grass)
नीलामीकर्ताओं ने बापू की हत्या के समय उनके खून से सनी मिट्टी और घास के टुकड़े भी नीलाम कर दिए हैं.
बापू की पहनी हुई चमड़े की चप्पलें भी 19 हजार पौंड में नीलाम हो चुकी हैं।
तुलसी की माला (Basil Rosary)
बापू द्वारा जाप के लिए इस्तेमाल की हुई तुलसी की माला की नीलामी 9500 पौंड में हुई थी।