चंटोल गांव में बीते कुछ दिनों से जमीनें काफी महंगी हो गई है। मेहसाणा बाईपास बनने के बाद से यहां की जमीनों के दाम आसमान छू रहे हैं। इसका बड़ा फायदा स्थानीय कुत्तों को भी हो रहा है। दरअसल, मढ़ नी पती कुतरिया ट्रस्ट के नाम गांव की 21 बीघा जमीन है। इस जमीन से होने वाली आमदनी कुत्तों के नाम कर देते है। रिपोर्ट के अनुसार, बाईपास के पास होने की वजह से इस जमीन की कीमत करीब 3.5 करोड़ रुपए प्रति बीघा है। वहीं इस ट्रस्ट के पास करीब 70 कुत्ते हैं। ऐसे में हर कुत्ते के हिस्से में लगभग एक-एक करोड़ रुपए आते हैं।
दुनिया की ऐसी जगह जहां पर नहीं डूबता सूरज! सिर्फ 40 मिनट की होती है रात
ट्रस्ट के अध्यक्ष छगनभाई पटेल ने बताया कि कुत्तों में ट्रस्ट का हिस्सा बांटने की परंपरा की परंपरा सर्दियों से चली आ रही है। पुराने जमाने में जीव दया प्रथा शुरू हुई जो आज भी चल रही है। इस परंपरा को अमीर परिवारों ने शुरू किया था। यह दान दिए गए जमीन के छोटे-छोटे टुकड़ों से आरम्भ हुई थी। उस वक्त जमीन की इतनी कीमत नहीं हुआ करती थी।
OMG! फिर प्रेग्नेंट हुई 16 बच्चों की मां, लगातार 14 सालों से है गर्भवती
एक रिपोर्ट के अनुसार, कई मामलों में तो लोगों ने टैक्स न चुका पाने की स्थिति में जमीन दान कर दी। पटेल किसानों के एक समूह इस जमीन का रख-रखाव 70-80 साल से करते आ रहे है। ट्रस्ट के पास लगभग 70 साल पहले यह जमीन आई थी। इस जमीन से होने वाली कमाई गांव के कुत्तों और अन्य जानवरों की देख-रेख में खर्च होता है।