जबकि कई लोगों के संपत्ति अर्जित करने, सामाजिक प्रतिष्ठा हासिल करने के प्रयास सफल नहीं हो पाते। ऐसे लोगों के लिए ज्योतिष में समाधान और लक्ष्मी पूजा उपाय बताए गए हैं। आइये जानते हैं वो दिवाली के शक्तिशाली उपाय यानी दिवाली के टोटके ..
दिवाली पूजा में लक्ष्मी चौंतीसा यंत्र बनाना
यंत्र साधना में चौंतीसा यंत्र को अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। चौंतीसा यंत्र को प्रसन्नता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इनमें से एक चौंतीसा यंत्र देवी लक्ष्मी को समर्पित है और लक्ष्मी चौंतीसा यंत्र के रूप में समर्पित है।
इस यंत्र का निर्माण भोजपत्र पर अनार की लकड़ी से निर्मित कलम से लाल चंदन की स्याही से किया जाता है। यंत्र को दिवाली पूजन के समय देवी लक्ष्मी के समक्ष स्थापित किया जाता है। अगले दिन यंत्र को कार्यालय अथवा घर में धन के स्थान पर स्थापित किया जाता है। इस उपाय से घर और व्यापार में संपत्ति और समृद्धि का आगमन होता है। इस सरल उपाय को आजमाने के बाद क्या करें।
व्यापार वृद्धि यंत्र
दिवाली पर व्यापरियों के मध्य व्यापार वृद्धि यंत्र बनाने का उपाय खूब प्रचलित है। यह यंत्र दो यंत्रों का संयुक्त रूप है। मान्यता है कि इस यंत्र के प्रभाव से व्यापार में वृद्धि होती है।इस यंत्र का निर्माण भी अनार की लकड़ी से निर्मित कलम और अष्टगंध की स्याही से भोजपत्र पर किया जाता है। सामान्यतः अष्टगंध श्वेत चंदन, रक्त चंदन, केसर, कस्तूरी, कपूर, अगर, तगर और कुमकुम से बनता है। पारंपरिक रूप से दिवाली पूजन के समय कार्यालय में इस यंत्र को अंकित किया जाता है। यदि इस यंत्र निर्माण संभव नहीं है तो विकल्प स्वरूप धातु निर्मित व्यापार वृद्धि यंत्र खरीदक कर पूजन स्थान पर स्थापित किया जा सकता है।
महालक्ष्मी यंत्र पूजा और स्थापना
दिवाली यानी कार्तिक अमावस्या के दिन महालक्ष्मी यंत्र की पूजा और घर, कार्यालय में स्थापित करना बेहद कारगर उपाय माना जाता है। दीपावली पर वैदिक विधिविधान से महालक्ष्मी यंत्र की स्थापना करने से घर में अक्षय सम्पत्ति और समृद्धि का वास होता है। हालांकि इसकी स्थापना के लिए किसी पुजारी की मदद लेना चाहिए।दस महाविद्या स्वरूपों में से एक देवी कमला, देवी लक्ष्मी को ही निरूपित करती हैं। देवी लक्ष्मी को समर्पित पूजन-अनुष्ठान देवी कमला साधना का ही एक भाग हैं। श्री सूक्त साधना भी देवी कमला को ही समर्पित है। इस यंत्र की स्थापना के समय महालक्ष्मी का मूल मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ जपना चाहिए।