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स्वास्थ्य

world aids day 2023: एड्स और एचआईवी के ये हैं मिथक, सही समय पर इलाज से जान को जोखिम कम

एड्स के प्रति लोगों को अवेयर करने के उद्देश्य से हर साल एक दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इतने सालों में अभी भी एड्स को लेकर लोगों में कई मिथक हैं। एचआईवी और एड्स के मिथकों को तोड़ती ये रिपोर्ट।

Dec 01, 2023 / 01:03 pm

Jaya Sharma

एचआईवी संक्रमण के कारण शरीर को होने वाले स्वास्थ्य नुकसान हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनते हैं

world aids day 2023: एड्स और एचआईवी के ये हैं मिथक, सही समय पर इलाज से जान को जोखिम कम

एचआईवी संक्रमण के कारण शरीर को होने वाले स्वास्थ्य नुकसान हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनते हैं। चिकित्सकों के मुताबिक यदि इस संक्रमण का समय रहते इलाज किया जाए, तो व्यक्ति लम्बी उम्र जी सकता है। चिकित्सकों के मुताबिक एड्स एचआईवी का अंतिम चरण है जो तब होता है जब वायरस के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है। लोग इस संक्रमण के प्रति अवेयर नहीं हैं और समय रहते चेतते भी नहीं। इसके साथ ही कई ऐसे मिथक है, जिसके कारण ज्यादा परेशानी बनी रहती है।
मिथक डालते हैं ईलाज में बाधा
वायरस को रोकने से प्रबंधित करने में हुई प्रगति के बावजूद, लगातार मिथक और गलत धारणाएं एचआईवी के इलाज में बाधा डालते हैं, लोगों को इस बीमारी के प्रति अवेयर रहने की जरूरत है, ताकि प्रभावी रोकथाम हो सके।
आकस्मिक संपर्क से नहीं फैलता
एचआईवी मुख्य रूप से लिक्विड पदार्थ, जैसे रक्त, वीर्य, योनि तरल पदार्थ और स्तन के दूध के माध्यम से फैलता है। यह गले मिलने, हाथ मिलाने या बर्तन साझा करने जैसे आकस्मिक संपर्क से नहीं फैलता है।
मच्छर के काटने का असर नहीं
एचआईवी मच्छर के काटने से नहीं फैल सकता। यह वायरस नाजुक है और कीड़ों में जीवित नहीं रह सकता। इसके फैलने के मात्र कुछ ही तरीके हैं, जैसे असुरक्षित यौन संबंध, निडिल यूज करना और बच्चे के जन्म या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में संक्रमण आ जाना।
किसी को भी हो सकता है वायरस
एचआईवी वायरस किसी तरह का भेदभाव नहीं करता, यह किसी को भी हो सकता है। हालांकि असुरक्षित यौन सम्पर्क में रहने वालों को इसका खतरा ज्यादा रहता है।
स्वस्थ जीवन जीया जा सकता है
मेडिकल क्षेत्र में लगातार हो रही प्रगति को देखते हुए कहा जा सकता है कि एचआईवी से पीड़ित लोग स्वस्थ और पूर्ण जीवन जी सकते हैं। एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) वायरस को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे व्यक्तियों को सामान्य जीवन प्रत्याशा बनाए रखने और एचआईवी को दूसरों तक प्रसारित करने के जोखिम को कम किया जा सकता है। हालांकि इसमें भी जल्दी उपचार बहुत जरूरी है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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