वायरस को रोकने से प्रबंधित करने में हुई प्रगति के बावजूद, लगातार मिथक और गलत धारणाएं एचआईवी के इलाज में बाधा डालते हैं, लोगों को इस बीमारी के प्रति अवेयर रहने की जरूरत है, ताकि प्रभावी रोकथाम हो सके।
एचआईवी मुख्य रूप से लिक्विड पदार्थ, जैसे रक्त, वीर्य, योनि तरल पदार्थ और स्तन के दूध के माध्यम से फैलता है। यह गले मिलने, हाथ मिलाने या बर्तन साझा करने जैसे आकस्मिक संपर्क से नहीं फैलता है।
एचआईवी मच्छर के काटने से नहीं फैल सकता। यह वायरस नाजुक है और कीड़ों में जीवित नहीं रह सकता। इसके फैलने के मात्र कुछ ही तरीके हैं, जैसे असुरक्षित यौन संबंध, निडिल यूज करना और बच्चे के जन्म या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में संक्रमण आ जाना।
एचआईवी वायरस किसी तरह का भेदभाव नहीं करता, यह किसी को भी हो सकता है। हालांकि असुरक्षित यौन सम्पर्क में रहने वालों को इसका खतरा ज्यादा रहता है।
मेडिकल क्षेत्र में लगातार हो रही प्रगति को देखते हुए कहा जा सकता है कि एचआईवी से पीड़ित लोग स्वस्थ और पूर्ण जीवन जी सकते हैं। एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (एआरटी) वायरस को नियंत्रित करने में मदद करती है, जिससे व्यक्तियों को सामान्य जीवन प्रत्याशा बनाए रखने और एचआईवी को दूसरों तक प्रसारित करने के जोखिम को कम किया जा सकता है। हालांकि इसमें भी जल्दी उपचार बहुत जरूरी है।