बच्चेदानी में एक तरह की घास जैसी फाइब्राइडस बनने लगती हैं और ये कई बीमारियों को जन्म देने लगती है। हालांकि ये शुरुआती दौर में कैंसरस नहीं होती, लेकिन अगर नजरअंदाज किया जाए तो ये कैंसर में तब्दील हो सकती हैं।
⦁ बहुत ज्यादा डिस्चार्ज और पीरियड्स के दिनों में ब्लीडिंग होना
⦁ थकान और कमजोरी महसूस होना
⦁ गैस, एसिडिटी और कब्ज रहना
⦁ प्राइवेट पार्ट में खुजली और जलन
⦁ पीरियड्स के दौरान ठंड लगना और दर्द होना
⦁ इंटरकोर्स के दौरान दर्द होना
⦁ तेज बुखार होना
⦁ बार-बार यूरिन आना, ये सारे संकेत बच्चेदानी के सूजन के हो सकते हैं।
2. बादाम बहुत फायदेमंद है। रात को बादाम को दूध के साथ भिगो दें। सुबह उठकर बादाम समेत दूध पी लें।
3. सौंठ और नीम के पत्ते को उबालकर काढ़ा पीने से सूजन कम होती है।
4. डाइट में फास्ट फूड, ऑयली चीजें या जंक फूड को बिलकुल लेना बंद कर दें।
यूट्रस में सूजन को कंट्रोल करना आसान है, बस डाइट और एक्सरसाइज पर विशेष ध्यान देना होगा। डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।