आज सभी की नजरें रिजर्व बैंक (RBI) की पॉलिसी की समीक्षा पर थी कि क्या केंद्रीय बैंक दरों में राहत देने या न देने पर अपना क्या फैसला देगा? बेसिक होम लोन्स के सह- संस्थापक अतुल मोंगा ने बताया कि पिछली नौ बैठकों से लगातार, आरबीआई ने रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव न लाते हुए इसे 6.50% पर रखा है, इसका उद्देश्य महंगाई दर में संतुलन बनाए रखना और आर्थिक विकास में स्थिरता को सुनिश्चित करना है। इस बार दरों में कटौती की उम्मीद थोड़ी कम है। दुनिया भर में जारी जियोपॉलिटकल टेंशन खासतौर पर मध्य पूर्व में, का भी एमपीसी के फैसलों पर प्रभाव होगा। RBI (Reserve Bank of India) से आस लगाई जा रही है कि मौजूदा स्थितियों का हवाला देते हुए आरबीआई इस अक्टूबर में भी दरों में कोई कटौती न करे और पैनल रेपोरेट में बदलाव नहीं किया जाए और उसकी दर 6.50% ही रहे। आरबीआई ने 9 अक्टूबर 2024 को रेपो रेट के बारे में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि हम इसमें कोई भी बदलाव नहीं कर रहे हैं।
आरबीआई की दरों में ठहराव
आरबीआई (RBI) दरों को मौजूदा स्थिति में बनाए रख सकता है क्योंकि दरों में कोई भी कटौती रूपए को कमज़ोर बना सकती है। और रूपए के कमजोर होने से आयात की लागत और भारतीय कंपनियों के लिए इनपुट की लागत पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित
RBI का मेन् फोकस ग्रोथ पर केंद्रित है। आगे दिसम्बर और फरवरी की आगामी एमपीसी में रेपो रेट में 25 बीपीएस की कटौती की अधिक संभावना है। समीक्षा बैठक सोमवार से शुरू हुई थीं। केंद्रीय बैंक आज दरों का ऐलान करेगा। RBI ने 2023 के बाद से दरों में कोई बदलाव नहीं किए है। 2023 से पहले RBI की दरों में काफी तेजी देखने को मिली थी।
Repo Rate को लेकर हुआ ऐलान
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव किया है। बैंक ने रेपो रेट में कोई भी कटौती नहीं करने का फैसला किया है। ब्याज दरें 6.50 फीसदी पर बनी रहेंगी। हालांकि आरबीआई ने अपने रुख में बदलाव करते हुए इसे न्यूट्रल कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई दर में नरमी और सुस्ती बनी रहेगी। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एसडीएफ रेट 6.25 फीसदी है। वहीं एमएसएफ 6.75 फीसदी रहेगी। बैंक ने पाया है कि महंगाई और विकास की स्थिति बैलेंस है।